दिल्ली एनसीआर समेत पूरे देश में शुरुआती मार्च में ही झुलसाती गर्मी महसूस की जा रही है. अमूमन इस तरह की गर्मी मई-जून के महीने में महसूस होती है. चिलचिलाती गर्मी के कारण लोग अपने घरों से निकलने से बच रहे हैं. इस बार की गर्मी जिस रूप में दिखाई दे रही है इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले समय में मुश्किलें बढ़ने वाली हैं.
झुलसाती गर्मी का संकेत मौसम विभाग भी दे चुका है. बता दें कि इसके बारे में मौसम विभाग ने इसी साल फरवरी में ही जिक्र किया था कि इस बार सामान्य तापमान एक से दो डिग्री सेल्सियस अधिक रहेगा. मार्च से ही तेज होती गर्मी अब इस अनुमान को सही बताती दिखाई दे रही है.
वेस्टर्न डिस्टर्बेंस बड़ी वजह
मौसम विभाग के वैज्ञानिक डॉ देवेंद्र प्रधान ने बताया, 'इसके पीछे कुछ अलग कारण नहीं हैं. मार्च में यूं भी तापमान बढ़ना शुरू होता है. लेकिन इस बार ऐसा होने की वजह वेस्टर्न डिस्टर्बेंस है.' उन्होंने बताया कि सामान्य तौर पर वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की फ्रिक्वेंसी 8 से 10 तक होती है. यह लगभग पूरे देश में होती है. इस डिस्टर्बेंस की वजह से तापमान में गिरावट बनी रहती है. लेकिन इस बार यह काफी कम महज 4 से 5 तक ही रही है. लिहाजा मौसम की जो एक्टिविटी इसे बैलेंस किए रखती हैं उसका कम होना ही तेजी से बढ़ती गर्मी की एक बड़ी वजह है.
पूरी दुनिया में जलवायु परिवर्तन
मौसम विभाग के डॉक्टर प्रधान ने यह भी बताया कि भारत समेत पूरी दुनिया में हो रहा जलवायु परिवर्तन भी इस परिवर्तन की एक बड़ी वजह बन रहा है. भारत की ही बात करें तो लगातार बढ़ता प्रदूषण भी इसका बड़ा कारण बनता जा रहा है. इन सभी कारणों की वजह से इतनी जल्दी मौसम में गर्मी बढ़ रही है.
तापमान के आंकड़े
आपको बता दें कि 25 फरवरी से लेकर 11 मार्च तक लगातार तापमान में तेजी रिकॉर्ड की गई है. 25 फरवरी को जहां अधिकतम और न्यूनतम तापमान 30.17 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था. वहीं, 12 मार्च की दोपहर में यह 35.18 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था. इस दौरान लगातार तापमान बढ़ा है. इस पूरे महीने तापमान इसी के आसपास रहने वाला है. वहीं, मई में इसमें और तेजी की आशंका देखी जा रही है.