चीन की जेल में बंद नोबल शांति पुरस्कार विजेता ल्यू शियाबो को इलाज के लिए पेरोल पर रिहा किया गया. उनके वकील ने आज बताया कि पिछले महीने ही पता चला था कि वे लीवर कैंसर से पीड़ित हैं और यह रोग अंतिम चरणों में है. ल्यू के चिंतित समर्थकों ने उनकी बिना शर्त रिहाई की मांग की थी.
ल्यू के वकील मो शाओपिंग ने बताया कि 23 मई को उनके कैंसर से पीड़ित होने के बारे में पता चला था. उनके 11 वर्ष के कारावास में से करीब तीन वर्ष सजा की अवधि अभी बाकी है. लोकतंत्र के लिए लड़ने वाले 61 वर्षीय ल्यू का पूर्वोत्तर के शेनयांग स्थित अस्पताल में उपचार चल रहा है. मो ने कहा, उनकी कोई विशेष योजनाएं नहीं है. उनके रोग का उपचार चल रहा है.
ल्यू को वर्ष 2009 में अव्यवस्था फैलाने पर सजा सुनाई गई थी. उन्होंने लोकतांत्रिक सुधारों के लिए एक निर्भीक अभियान का नेतृत्व किया था. इसके एक वर्ष बाद उन्हें नोबल पुरस्कार दिया गया और ओस्लो में हुए समारोह में उनके स्थान पर खाली कुर्सी रखी गई. समर्थकों ने उनकी सेहत के प्रति चिंता जताई थी और चीन के अधिकारियों ने उनके साथ जिस तरह का व्यवहार किया था, उसकी आलोचना की थी.
ऐसे अब तक केवल तीन लोग रहे हैं जिन्हें उनकी ही सरकार द्वारा जेल में डाल दिए जाने के दौरान नोबल पुरस्कार दिया गया. ल्यू उनमें से एक हैं. अंतरराष्ट्रीय समुदाय कई वर्षों से उनकी रिहाई की मांग कर रहा है. ल्यू को वर्ष 2008 में गिरफ्तार किया गया था.