नोबेल पुरस्कार विजेता और लड़कियों की शिक्षा की पैरोकार पाकिस्तानी युवती मलाला यूसुफजई ने गाजा में हाल में लड़ाई के दौरान क्षतिग्रस्त हुए स्कूलों के पुनर्निर्माण में मदद के लिए 50 हजार डॉलर दान किए हैं.
मलाला ने प्रतिष्ठित विश्व बाल पुरस्कार हासिल करते हुए स्टॉकहोम में कहा, ‘हम सभी को यह सुनिश्चित करने के लिए काम करना चाहिए कि फिलस्तीनी लड़कों और लड़कियों, तथा हर जगह पर बच्चों को एक सुरक्षित वातावरण में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले क्योंकि शिक्षा के बिना, कभी शांति नहीं आएगी.’
सत्रह वर्षीय मलाला ने कहा कि फिलस्तीनी क्षेत्र में 65 स्कूलों के पुनर्निर्माण में मदद के लिए धन संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) के जरिए दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि राशि से बच्चों को ‘गुणवत्तापूर्ण शिक्षा’ हासिल करने और जीवन को आगे बढ़ाने तथा यह जानने में मदद मिलेगी कि वे अकेले नहीं हैं और लोग उनकी सहायता कर रहे हैं.
तालिबान ने वर्ष 2012 में मलाला के सिर में गोली मार दी थी, लेकिन वह बच गई थी. अब वह ब्रिटेन में रहती है. उसे अक्टूबर में भारत के 60 वर्षीय कैलाश सत्यार्थी के साथ संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है.
मलाला के पास पाकिस्तान सहित कई देशों में छोटे संगठनों की मदद करने के लिए अपना खुद का कोष है. वह एक ही वर्ष के दौरान बाल पुरस्कार और नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाली पहली हस्ती बन गई है.
(इनपुट भाषा से)