जापान के योशिनोरी ओसुमी को चिकित्सा (मेडिसिन) के क्षेत्र में अहम योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार दिया जाएगा. सोमवार को इसकी औपचारिक घोषणा की गई है.
खबर सुनकर हो गए थे हैरान
द नोबेल प्राइज के ऑफीशियल ट्विटर हैंडल पर इसकी जानकारी दी गई है. नोबेल कमेटी ने योशिनोरी को जिस वक्त फोन करके इस बारे में जानकारी दी, उस वक्त वो अपनी लैब में थे. नोबेल प्राइज के फेसबुक पेज पर लगे इंटरव्यू में योशिनोरी ने बताया कि वो ये जानकर हैरान रह गए थे कि उन्हें ये पुरस्कार दिया जा रहा है.
BREAKING NEWS The 2016 #NobelPrize #Medicine awarded to Yoshinori Ohsumi @tokyotech_en ”for his discoveries of mechanisms for autophagy” pic.twitter.com/PDxWbSqoIX
— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 3, 2016
योशिनोरी को ऑटोफैगी को लेकर रिसर्च के लिए नोबेल पुरस्कार दिया जाएगा. इस प्रक्रिया में कोशिकाएं खुद को खा लेती हैं और उन्हें बाधित करने पर पार्किंसन एवं मधुमेह जैसी बीमारियां हो सकती हैं. नोबेल ज्यूरी ने कहा, ऑटोफैगी जीन में बदलाव से बीमारियां हो सकती हैं और ऑटोफैगी की प्रक्रिया कैंसर तथा मस्तिष्क से जुड़ी बीमारियों जैसी कई स्थितियों में शामिल होती हैं.
'ऑटोफैगी' का क्या है मतलब?
'ऑटोफैगी' एक ग्रीक शब्द है, जिसका मतलब होता है 'खुद को खा जाना'. नोबेल प्राइज की वेबसाइट के मुताबिक 'ऑटोफैगी' शब्द 'ऑटो' और 'फागेन' से मिलकर बना है. ऑटो का मतलब होता है 'खुद' और 'फागेन' का मतलब होता है 'खा जाना' और इन्हें मिलाकर बनता है 'ऑटोफैगी'.