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किम की पहल के बाद अब उत्तर-दक्षिण कोरिया के बीच शुरू होगी 'हॉटलाइन'

उत्तर कोरिया की इस पहल को देख दक्षिण कोरिया ने भी उच्च स्तरीय बातचीत का प्रस्ताव रखा है. उत्तर कोरिया के एक अधिकारी ने सार्वजनिक टेलीविजन पर कहा कि किम जोंग ने सियोल (दक्ष‍िण कोरिया) के सर्मथन का स्वागत किया है.

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तानाशाह किम जोंग उन (फाइल)
तानाशाह किम जोंग उन (फाइल)

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अमेरिका के साथ उत्तर कोरिया की खींचतान जग जाहिर है. इस बची उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने दक्षिण कोरिया के साथ अपने रिश्ते को बेहतर करने की पहल की है. किम ने संभावना जताई है कि उनका देश इस साल होने वाले शीतकालीन ओलंपिक खेलों के लिए अपने एथलीटों को दक्षिण कोरिया भेजेगा. इसके साथ ही अब दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के बीच 'हॉटलाइन' फिर से शुरू होने जा रही है. बता दें 2016 में इस हॉटलाइन को बंद कर दिया गया था. 

उत्तर कोरिया की इस पहल को देख दक्षिण कोरिया ने भी उच्च स्तरीय बातचीत का प्रस्ताव रखा है. उत्तर कोरिया के एक अधिकारी ने सार्वजनिक टेलीविजन पर कहा कि किम जोंग ने सियोल (दक्ष‍िण कोरिया) के सर्मथन का स्वागत किया है.

बता दें, इससे पहले तानाशाह किम जोंग उन की अमेरिका को परमाणु हमले की धमकी दी थी. साथ ही दक्ष‍िण कोरिया को लेकर अपना रुख साफ करते हुए दोस्ती की पहल की थी.

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वहीं, किम की धमकी के एक दिन बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर उत्तर कोरिया पर तंज कसा था. इस ट्वीट में ट्रंप ने लिखा कि यह हमारे दबावों का ही असर है कि पहली बार रॉकेट मैन दक्षिण कोरिया से बातचीत करना चाह रहा है.

ट्रंप ने ट्वीट कर लिखा, 'उत्तर कोरिया पर लगाए प्रतिबंध और 'अन्य' दबावों का बड़ा प्रभाव पड़ा है. बड़ी संख्या में सैनिक दक्षिण कोरिया से भाग रहे हैं. पहली बार रॉकेट मैन (किम जोंग उन) दक्षिण कोरिया से बात करना चाहता है. शायद यह अच्छी खबर है, शायद नहीं - हम देखेंगे!'

बताते चलें कि राष्ट्रपति बनने के बाद से ही डोनाल्ड ट्रंप का नॉर्थ कोरिया के प्रति काफी कड़ा रुख रहा है. बीते नवंबर में ट्रंप ने सभी देशों को उत्तर कोरिया से अपने राजनयिक और आर्थिक संबंध तोड़ने की अपील की थी. यही नहीं, अमेरिका ने चेतावनी दी थी कि अगर युद्ध हुआ तो उत्तर कोरिया पूरी तरह बर्बाद हो जाएगा.  

इस दौरान लगातार मिसाइल परीक्षण कर अपनी ताकत का लोहा मनवा रहे तानाशाह किम पर ट्रंप ने अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने की बात भी कही थी. इसके लिए ट्रंप ने चीन दौरे पर अपने समकक्ष शी चिनपिंग से बात की ताकि प्योंगयांग को ‘भड़काऊ कदम’ उठाने से रोकने के लिए दबाव बनाया जा सके.

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