उत्तर कोरिया ने जेल में बंद अमेरिकी कॉलेज छात्र को आखिरकार मंगलवार को रिहा कर दिया. उनके ऊपर आरोप था कि उन्होंने एक पोस्टर चोरी करने की कोशिश की थी. इसके लिए उन्हें 15 साल की सजा सुनाई गई थी.
बता दें कि ओहायो के रहने वाले ऑटो वार्मबीयर हवाई जहाज से समय से पहले ही सिनसिनाटी पहुंच गए. इनके माता-पिता ने बताया कि वह कोमा में है. इसी वजह से हवाई अड्डे के पास दो एम्बुलेंस खड़े किए गए, ताकि उन्हें आसानी से घर पहुंचाया जा सके.
वार्मबीयर की रिहाई पूर्व एनबीए (बास्केटबॉल) स्टार डेनिस रोडमैन की उत्तर कोरिया की यात्रा के दौरान हुई. वह उन गिनेचुने लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन और राष्ट्रपति ट्रंप दोनों से मिल चुके हैं. रोडमैन ने पयोंगयांग पहुंचने से पहले संवाददाताओं से कहा था कि उत्तर कोरिया द्वारा अमेरीकियों को पकड़े जाने का मुद्दा अभी उनके उद्देश्य में नहीं है.
वहीं अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हेदर नोअार्ट ने संवाददाताओं से कहा कि रोडमैन का वार्मबीयर की रिहाई से कुछ लेना देना नहीं है. वगीं प्रवक्ता सारा हकाबी सैंडर्स ने कहा कि वार्मबीयर की रिहाई कराना राष्टपति ट्रंप की सबसे बड़ी प्राथमिकता थी. इस दिशा में राष्ट्रपति ने विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन के साथ बहुत नजदीक से काम किया है.
एक व्हाइट हाउस के अधिकारी ने कहा कि ट्रंप ने टिलरसन को उत्तरी कोरिया में अमेरीकियों की रिहाई के लिए सभी उपाय करने के निर्देश दिए थे. अमेरिकी सरकार ने उत्तर कोरिया पर आरोप लगाया है कि वो लोगों को बंदी बनाकर राजनीतिक मोहरे के रूप में इस्तेमाल कर रहे है. वहीं उत्तर कोरिया ने भी वॉशिंगटन और दक्षिण कोरिया पर आरोप लगाया है कि वह सरकार को खत्म करने के लिए जासूस भेज रहा है.
तीन अमेरिकी अभी भी है जेल में
टिलरसन ने कहा कि राज्य विभाग अन्य तीन अमेरिकी नागरिकों की रिहाई के लिए उत्तरी कोरिया के साथ बात करने की कोशिश कर रहा है.
1. किम हाक सोंग प्योंगयांग विश्वविद्यालय के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में काम करते थे. हालांकि मई महीने की शुरुआत में उन्हें दुश्मनों के लिए काम करने के आरोपों में जांच के लिए हिरासत में ले लिया गया.
2. टोनी किम, जो अपने कोरियाई नाम किम सोंग-डुक के नाम से भी जानें जाते है, को प्योंगयांग हवाई अड्डे से 22 अप्रैल को हिरासत में लिया गया था. वह भी विश्वविद्यालय में पढ़ाया करते थे. इनके ऊपर उन सरकार के तख्तापलट के लिए आपराधिक कार्यों में शामिल होने का आरोप था.
3. दक्षिण कोरिया में जन्में अमेरिकी नागरिक किम दांग चुल को अप्रैल 2016 में जासूसी का दोषी ठहराए गया. उन्हें 10 साल की कैद ए बामुशक्कत की सजा सुनाई गई थी.