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अपना पोर्टेबल टॉयलेट तक लेकर सिंगापुर पहुंचा था किम, ये थी वजह

उत्तर कोरिया के एक अधिकारी के मुताबिक इस बात को पूरी तरह से गुप्त रखा गया कि किम जोंग किस विमान में हैं? पहला विमान किम जोंग के लिए खाने-पीने की चीजें, बुलेट-प्रूफ लिमोजिन गाड़ी व पोर्टेबल टॉयलेट लेकर सिंगापुर पहुंचा था.

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सिंगापुर समिट में किम जोंग उन
सिंगापुर समिट में किम जोंग उन

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की आज 12 जून को हुई मुलाकात उम्मीद से भी ज्यादा सफल रही. इस दौरान किम जोंग की सुरक्षा बेहद सख्त रही. कुछ दिन पहले किम के सुरक्षा घेरे को पूरी दुनिया ने उस वक्त देखा, जब वो दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई इन से मिलने पहुंचे थे. इससे साफ पता चलता है कि किम अपनी सुरक्षा को लेकर किस कदर ऐहतियात बरतता है.

अब सिंगापुर दौरे के दौरान किम की सुरक्षा का स्तर क्या था, इसकी एक और बानगी दिखी. दरअसल किम अपने साथ नॉर्थ कोरिया से सिंगापुर के पांच सितारा होटल में पोर्टेबल टॉयलेट भी लेकर पहुंचा था. इसके पीछे किम की सहूलियत कम, उसकी सुरक्षा का कारण ज्यादा था. दरअसल, पोर्टेबल टॉयलेट इसलिए ले जाया गया था, ताकि किम जोंग के स्टूल यानि मल की किसी तरह की जांच न की जा सके या उस पर किसी तरह का परीक्षण न किया जा सके.

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बताया जाता है कि किम जोंग को सिंगापुर ले जाने के लिए नॉर्थ कोरिया से तीन अलग-अलग विमानों (IL76, एयर चाइना बोइंग 747 और इल्यूशिन IL62) ने एक-एक घंटे के अंतराल पर उड़ान भरी थी. इन तीन विमानों में से किम किसमें है, इसकी भनक किसी को भी नहीं थी.

उत्तर कोरिया के एक अधिकारी के मुताबिक इस बात को पूरी तरह से गुप्त रखा गया कि किम जोंग किस विमान में हैं? पहला विमान किम जोंग के लिए खाने-पीने की चीजें, बुलेट-प्रूफ लिमोजिन गाड़ी व पोर्टेबल टॉयलेट लेकर सिंगापुर पहुंचा था.

किम जोंग उन की नॉर्थ कोरिया से बाहर संभवत: यह सबसे लंबी यात्रा था. 2011 में सत्ता मिलने के बाद से नॉर्थ कोरिया से बाहर किम की ये तीसरा यात्रा है. पहली बार किम अपने देश से इतने लंबे वक्त तक दूर रहा.

हवाई यात्रा के रूट में भी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया. किम की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उस हवाई रूट का चयन किया गया, जिसमें 10 घंटे वक्त लगा. सुरक्षा कारणों से किम जोंग ने शंघाई होकर सिंगापुर की यात्रा नहीं की, क्योंकि ये रास्ता समुद्र के ऊपर से होकर जाता है जिससे सुरक्षा करने में दिक्कत होती है. इसके बजाय किम ने बीजिंग होकर सिंगापुर की यात्रा की, जिसमे 10 घंटे लगे.

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