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मिलिट्री स्पाई सैटेलाइट लॉन्च करेगा नॉर्थ कोरिया, जानिए दूसरों देशों को इससे क्या खतरा है?

उत्तर कोरिया के एक ऐलान से जापान और दक्षिण कोरिया तनाव में आ गए हैं. दरअसल उसने कहा है कि वह जून में अपना पहला सैन्य जासूसी उपग्रह लॉन्च करने वाला है. वह इसके जरिए अमेरिकी सैन्य कार्रवाई पर नजर रखेगा. वहीं जापान और दक्षिण कोरिया ने लॉन्च के दौरान किसी भी तरह की अनहोनी की अपनी सेनाओं को अलर्ट कर दिया है.

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अमेरिका और दक्षिण कोरिया की सैन्य गतिविधियों पर नजर रखने की तैयारी
अमेरिका और दक्षिण कोरिया की सैन्य गतिविधियों पर नजर रखने की तैयारी

उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग उन जून में अपना पहला सैन्य जासूसी उपग्रह लॉन्च करेगा. उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया KCNA ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट में इस बात का दावा किया है. इस सैटेलाइट के जरिए उत्तर कोरिया को अपने प्रतिद्वंद्वी दक्षिण कोरिया और अमेरिका के सैन्य अभ्यासों पर नजर रखने में मदद मिलेगी. गवर्निंग वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया (डब्ल्यूपीके) के केंद्रीय सैन्य आयोग के उपाध्यक्ष री प्योंग-चोल ने का कहना है कि उत्तर कोरिया का निर्धारित उपग्रह प्रक्षेपण युद्ध की तैयारी को मजबूत करने के लिए एक अपरिहार्य कार्रवाई है. इस महीने की शुरुआत में, उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया ने खबर दी थी कि देश के नेता किम जोंग-उन ने अपने देश के एयरोस्पेस केंद्र में तैयार एक सैन्य जासूसी उपग्रह का निरीक्षण किया और उपग्रह से जुड़ी प्रक्षेपण योजना को मंजूरी दे दी. 

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31 मई से 11 जून के बीच हो सकता है लॉन्च

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उपग्रह की लॉन्च डेट अभी तय नहीं की गई है लेकिन उत्तर कोरिया ने एक दिन पहले जापान से कहा था कि 31 मई और 11 जून के बीच वह एक उपग्रह लॉन्च करेगा. ऐसे में टोक्यो को अपने बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस को अलर्ट पर रखने के लिए कहा गया है. जापान के रक्षा मंत्री यासुकाजु हमादा ने अपने देश के सुरक्षाबलों को आदेश दिया कि अगर कोई उपग्रह जापानी क्षेत्र में प्रवेश करता है तो उसे मार गिराया जाए. जापान के कैबिनेट सचिव हिरोकाजू मात्सुनों के कहा, "(उत्तर कोरिया के) उपग्रह के प्रक्षेपण में ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जो बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए की जाती है. 

जापान के तटरक्षक बल के अनुसार, उत्तर कोरिया के जलमार्ग अधिकारियों से मिले नोटिस में कहा गया है कि प्रक्षेपण 31 मई से 11 जून के बीच किया जा सकता है. इस प्रक्षेपण से यलो सागर, पूर्वी चीन सागर और फिलीपीन के लुजोन द्वीप के पूर्व में समुद्री क्षेत्र प्रभावित हो सकता है.

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एक साल में लॉन्च कीं 100 से ज्यादा मिसाइलें

उत्तर कोरिया 2022 की शुरुआत से अबतक करीब 100 मिसाइलों का परीक्षण कर चुका है. इनमें अमेरिकी मुख्य भूमि तक पहुंचने में सक्षम अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल और कई अन्य प्रक्षेपण भी शामिल हैं, जिन्हें उसने दक्षिण कोरिया को निशाना बनाकर किए जाने वाले नकली परमाणु हमलों के रूप में वर्णित किया है.

US-दक्षिण कोरिया के अभ्यास में छिपे नापाक इरादे

सरकारी मीडिया के अनुसार, देश के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी री प्योंग चोल ने अमेरिका एवं दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यास की निंदा की. वह लंबे समय से कह रहे हैं कि ये उस पर हमले का अभ्यास है. री ने कहा कि उत्तर कोरिया अंतरिक्ष-आधारित टोही उपग्रह को अमेरिका और उसके अधीन बलों के खतरनाक सैन्य कृत्यों की निगरानी के लिए अपरिहार्य मानता है. अमेरिका और दक्षिण कोरिया आक्रमण की अपनी अविवेकपूर्ण महत्वाकांक्षा को खुले तौर पर प्रकट कर रहे हैं.

री ने कहा कि अमेरिका-दक्षिण कोरियाई सैन्य अभ्यास का विस्तार, दक्षिण कोरिया में परमाणु-सक्षम पनडुब्बियों को भेजने की अमेरिक की योजनाएं और क्षेत्र में अमेरिकी टोही विमानों की बढ़ती गतिविधियां उत्तर कोरिया के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की तैयारी की नापाक इरादों की ओर इशारा करती हैं. अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने इन नियमित अभ्यासों को रक्षात्मक प्रकृति का करार दिया है, लेकिन उन्होंने उत्तर कोरिया के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए 2022 से अपने प्रशिक्षणों में विस्तार दिया है.

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COVID-19 प्रतिबंधों और उत्तर कोरिया के साथ कूटनीतिक प्रयासों की उम्मीद के बीच कई अभ्यासों को रद्द करने के बाद अमेरिकी और दक्षिण कोरियाई सेना ने हाल के महीनों में कई प्रशिक्षण अभ्यास कर किए. उन्होंने यह भी दावा किया है कि पिछले हफ्ते सबसे बड़ा संयुक्त लाइव-फायर एक्सरसाइज भी की गई थी. 

कोरिया इसलिए लॉन्च कर रहा सैटेलाइट

उत्तर कोरिया के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने कहा,‘एक जून को प्रक्षेपित किया जाने वाला पहला सैन्य टोही उपग्रह और बाद में होने वाले विभिन्न सैन्य परीक्षण अमेरिका और उसके अधीन बलों के खतरनाक सैन्य कृत्यों पर तात्कालिक आधार पर नजर रखने, उनकी पहचान करने, उन्हें नियंत्रित करने और उनसे अग्रिम तरीके से निपटने के लिए बहुत जरूरी हैं.’

उत्तर कोरिया को दोनों देशों ने दी धमकी

इधर जापान के तटरक्षकों ने उपग्रह का मलबा गिरने के  जोखिमों के कारण उक्त तारीखों पर क्षेत्र में पोतों के लिए सुरक्षा चेतावनी जारी की है. देश का तटरक्षक बल पूर्वी एशिया में समुद्री सुरक्षा सूचना का समन्वय करता है और उसे आगे भेजता है. इसी कारण उत्तर कोरिया ने यह नोटिस उसे भेजा है.

उपग्रह को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करने के लिए उत्तर कोरिया को लंबी दूरी की मिसाइल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करना होगा, जिस पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों द्वारा प्रतिबंध लगाए गए हैं.

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जापान के मुख्य कैबिनेट सचिव हिरोकाजू मात्सुनो ने बताया कि प्रक्षेपण संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन होगा और यह ‘जापान, क्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की शांति व सुरक्षा के लिए खतरा’ है.

वहीं दक्षिण कोरिया ने सोमवार को चेतावनी दी कि उत्तर कोरिया अगर युक्त राष्ट्र के उन प्रस्तावों का उल्लंघन करता है, जिनके तहत उस पर बैलिस्टिक प्रौद्योगिकी इस्तेमाल कर प्रक्षेपण करने संबंधी प्रतिबंध है, तो उसे इसके परिणाम भुगतने होंगे. उसने कहा,‘हमारी सरकार उत्तर कोरिया को क्षेत्र में शांति के लिए खतरा पैदा करने वाले उकसावे के खिलाफ कड़ी चेतावनी देती है और उससे अपनी अवैध प्रक्षेपण योजना को तुरंत वापस लेने का आग्रह करती है.’

 

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