उत्तर कोरिया ने कहा है कि वह अमेरिका और दक्षिण कोरिया से बात करने और अपना परमाणु कार्यक्रम छोड़ने के लिए तैयार है. उत्तर कोरिया ने अगले महीने के आखिर में अपने पड़ोसी देश दक्षिण कोरिया से बातचीत करने पर सहमति जताई है.
दोनों पड़ोसी देशों के बीच हुई बातचीत के बाद दक्षिण कोरिया ने बताया कि उत्तर कोरिया ने कहा है कि अगर उसे सुरक्षा की गारंटी दी जाए तो वह अपने परमाणु हथियार भी छोड़ने को तैयार है. उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में किम किम जोंग उन ने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार चुंग यी योंग से मुलाकात की.
किम ने इस दौरान कहा कि अगर उत्तर कोरिया को मिल रही सैन्य धमकियां बंद हों और उनके देश की सुरक्षा की गारंटी दी जाए तो वह अपने पास परमाणु हथियार नहीं रखेंगे. दक्षिण कोरिया ने कहा है कि उत्तर कोरिया ने परमाणु हथियारों और मिसाइलों के परीक्षणों पर रोक लगाने पर सहमति जताई है. चुंग यी योंग ने मंगलवार को बताया कि उत्तर कोरिया अपने और अमेरिका के बीच संबंधों को सुधारने के लिए अमेरिकी प्रशासन से बात करने को भी तैयार है.
इसके अलावा उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया के खिलाफ किसी भी पारंपरिक या परमाणु हथियार का इस्तेमाल नहीं करने का वादा भी किया है. दोनों देश अप्रैल के आखिर में बातचीत करने पर भी राजी हो गए हैं.Seoul says North and South Korea have agreed to hold summit talks in late April: The Associated Press
— ANI (@ANI) March 6, 2018
दोनों पड़ोसी देशों के बीच कोरियाई सम्मेलन आयोजित करने पर भी सहमति बनी है. उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया के मुताबिक, दक्षिण कोरिया के प्रतिनिधियों ने देश के राष्ट्रपति मून जे इन का एक पत्र किम जोंग-उन को सौंपा. इसमें मून ने सम्मेलन आयोजित करने की इच्छा व्यक्त की.Seoul says North and South Korea have agreed to hold summit talks in late April: The Associated Press
— ANI (@ANI) March 6, 2018
उत्तर कोरियाई नेता और सियोल के उच्चस्तरीय राजूदतों के बीच प्योंगयांग में हुई बैठक के दौरान एक संतोषजनक समझौते पर सहमति बनी. दोनों देश कोरियाई प्रायद्वीप में सैन्य तनाव कम करने, वार्ता और सहयोग को बढ़ावा देने पर चर्चा की. समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, इस दौरान गंभीर वार्ता हुई और किम ने दोनों देशों के बीच के संबंधों को बढ़ाने और राष्ट्रीय पुनएर्कीकरण का नया इतिहास लिखने की अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति जाहिर की.
हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि इस 'संतोषजनक समझौते' का क्या मतलब है और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन के लिए उत्तर कोरिया के निमंत्रण के बावजूद कोई तारीख निर्धारित क्यों नहीं की गई.
आपको बता दें कि फरवरी की शुरुआत में किम जोंग-उन की बहन किम यो जोंग ने शीतकालीन ओलंपिक के मौके पर दक्षिण कोरिया का ऐतिहासिक दौरा किया था और मून को उत्तर कोरिया आने का न्यौता दिया था. दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून ने इस निमंत्रण का स्वागत किया था.