अमेरिका और उत्तर कोरिया की दोस्ती टूटती नजर आ रही है. उत्तर कोरिया को अब अमेरिका की नजरों में खोट दिखने लगा है. दरअसल अमेरिका के साथ शनिवार को हुई परमाणु निरस्त्रीकरण वार्ता के दौरान की गई मांगों को उत्तर कोरिया ने ‘लालचपूर्ण’ कहा है. हालांकि अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने उत्तर कोरिया के हालिया रुख से ठीक पहले बातचीत को सकारात्मक बताया था.
उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने कहा कि पिछले महीने सिंगापुर में उनके नेता किम जोंग उन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुए समझौते की भावना को आज की बैठक में अमेरिका के अत्यंत खेदजनक रवैये ने तोड़ दिया.
दक्षिण कोरिया की योन्हाप समाचार एजेंसी के अनुसार उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि शुक्रवार और शनिवार को हुई उच्चस्तरीय बातचीत में अमेरिकी रवैया और रुख बहुत ही खेदजनक था. उसने अमेरिका पर निरस्त्रीकरण के लिए एकपक्षीय और लालचपूर्ण मांग रखने का आरोप लगाया.
इससे कुछ घंटे पहले ही पोम्पिओ ने बैठक को सफल बताया था, लेकिन इस संबंध में कोई विवरण नहीं दिया था कि उत्तर कोरिया अमेरिकी सुरक्षा गारंटियों के बदले में परमाणु निरस्त्रीकरण की प्रतिबद्धता का सम्मान कैसे करेगा.
उन्होंने कहा कि ये जटिल मुद्दे हैं, लेकिन हमने लगभग सभी केंद्रीय मुद्दों पर प्रगति की. कुछ जगह पर काफी प्रगति हुई, वहीं कुछ अन्य जगहों पर अभी बहुत काम होना है.
पोम्पिओ उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के करीबी किम योंग चोल से प्योंगयांग राजनयिक परिसर में आठ घंटे की बातचीत करके निकलने के बाद बात कर रहे थे. पोम्पिओ शनिवार दोपहर प्योंगयांग से जापान के लिए रवाना हुए.