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परमाणु समझौते पर फैसला उद्योग जगत को लेना है: अमेरिका

अमेरिका मानता है कि भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते पर बनी सहमति बिजनेस के मौकों की दिशा में आगे बढ़ सकती है, लेकिन इस बारे में उद्योग जगत को खुद निर्णय लेने हैं.

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निशा देसाई बिस्वाल
निशा देसाई बिस्वाल

अमेरिका मानता है कि भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते पर बनी सहमति बिजनेस के मौकों की दिशा में आगे बढ़ सकती है, लेकिन इस बारे में उद्योग जगत को खुद निर्णय लेने हैं.

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अमेरिकी विदेश मंत्रालय में दक्षिण एशियाई मामलों की सहायक मंत्री निशा देसाई बिस्वाल ने गुरुवार को कहा, 'मेरा मानना है कि राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत दौरे के दौरान असैन्य परमाणु सहयोग को आगे बढ़ाने में हमें बड़ी सफलता मिली है. दोनों पक्ष परमाणु जवाबदेही के मुद्दे पर अमेरिका और भारत सरकार के बीच सहमति बनाने के लिए सूचनाओं का आदान-प्रदान कर रहे हैं.' बिस्वाल ने कहा, 'हमें विश्वास है कि आखिरकार उद्योग जगत अपना निष्कर्ष निकालेगा और उपलब्ध व्यावसायिक अवसरों को लेकर खुद निर्णय लेगा.' उन्होंने कहा, 'लेकिन हम मानते हैं कि भारत ने पूरक मुआवजे पर वियना संकल्प के दायरे में अपनी स्वीकृति स्पष्ट की है, जिससे इस मुद्दे पर एक सहमति बन पाई है.'

गौरतलब है कि सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान संपर्क समूह की शुरुआत की गई थी और ओबामा के भारत दौरे के समय तक इस समूह की दर्जन भर बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन यह लगातार किसी भी मुद्दे पर समाधान निकालने के लिए प्रयासरत रहेगी. भारत में धार्मिक असहिष्णुता पर ओबामा के बयान के बारे में पूछने पर बिस्वाल ने ओबामा के भाषण को बहुत ही प्रभावशाली बताया. उन्होंने कहा, 'इससे दोनों देशों के बीच साझा मूल्यों का पता चलता है और हमारी साझेदारी और संबंध निर्धारित होते हैं.'

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यह पूछ जाने पर कि ओबामा के इस बयान को अमेरिका के संदर्भ में भी समझा जाना चाहिए. बिस्वाल ने कहा, 'ओबामा का बयान दुनिया भर के सभी समुदायों, समाजों और सभी देशों के समक्ष मुद्दों के संदर्भ में है.'

- इनपुट IANS

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