पैगंबर मोहम्मद पर भारतीय जनता पार्टी की प्रवक्ता नूपुर शर्मा की तरफ से की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर मचा हंगामा शांत होता नहीं दिख रहा है. कतर, कुवैत, ईरान आदि इस्लामिक देशों ने अपने यहां स्थित भारतीय राजदूत को तलब कर उनसे अपनी नाराजगी भी जताई है. इस्लामिक देशों की मीडिया में भी इस विवाद की विस्तृत कवरेज देखने को मिल रही है. सऊदी अरब, पाकिस्तान, तुर्की आदि मुस्लिम देशों के अखबारों ने कई लेखों में कड़ी प्रतिक्रिया वाली टिप्पणियां छापी हैं.
पाकिस्तान की मीडिया में क्या छपा?
पाकिस्तान के लगभग सभी अखबारों ने पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी को लेकर मचे विवाद को कवर किया है. प्रमुख पाकिस्तानी अखबार डॉन की एक रिपोर्ट में दोनों बीजेपी प्रवक्ताओं पर कार्रवाई का जिक्र किया गया है. अखबार ने अपनी एक और रिपोर्ट में पाकिस्तानी राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बयानों को जगह दी है.
राष्ट्रपति के बयान का जिक्र करते हुए डॉन ने लिखा, 'राष्ट्रपति अल्वी ने कहा है कि इस तरह की टिप्पणियां भारत, जो कि लाखों मुसलमानों का घर है, में इस्लामोफोबिया की बढ़ती प्रवृत्ति को बताती है.'
अखबार ने राष्ट्रपति के हवाले से कहा है कि मोदी के कट्टर हिंदुत्व के तहत भारत अपने सभी अल्पसंख्यकों की धार्मिक स्वतंत्रता को रौंद रहा है और उनका उत्पीड़न कर रहा है. इस तरह की इस्लामोफोबिक टिप्पणियां और फिर ऐसे लोगों को सजा न दिया जाना, मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है. इससे एक पूरा समाज हाशिए पर जा सकता है जिससे नफरत और हिंसा का एक चक्र पैदा होगा.
अरब देशों की नाराजगी का भी जिक्र
पाकिस्तानी अखबार द एक्प्रेस ट्रिब्यून ने एक रिपोर्ट में लिखा है कि बीजेपी प्रवक्ता की टिप्पणियों के लिए भारत कई देशों के निशाने पर है. कई देशों ने भारतीय राजदूतों को तलब कर मामले पर नाराजगी जाहिर की है. अखबार लिखता है, 'भाजपा ने रविवार को अपने प्रवक्ता नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल को उनकी इस्लामोफोबिक टिप्पणी के लिए पार्टी की सदस्यता से निलंबित कर दिया. हालांकि, पाकिस्तान और अन्य इस्लामिक देशों ने कहा कि ये पर्याप्त नहीं है.'
वहीं जॉर्डन के भी विदेश मामलों और प्रवासी मामलों के मंत्रालय ने भी अपना बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि हम पैगंबर मोहम्मद पर अपमानजनक बयानों की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि ईश्वर उन्हें शांति प्रदान करे. इसके अलावा जकार्ता ने भी बयान की निंदा की है.
तुर्की की सरकारी मीडिया ने मोदी सरकार को घेरा
तुर्की की सरकारी समाचार एजेंसी टीआरटी वर्ल्ड ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है कि साल 2014 में मोदी के सत्ता में आने के बाद से ही कट्टर हिंदू भीड़ ने गोमांस खाने या उनके परिवहन के संदेह में कई मुसलमानों और दलितों को पीट-पीटकर मार डाला है.
टीआरटी की रिपोर्ट में आगे लिखा गया, 'धुर-दक्षिणपंथी समूहों ने लव जिहाद को लेकर मुसलमानों को निशाना बनाया है. मुसलमानों को निशाना बनाने के लिए ये एक सिद्धांत है. मुसलमानों पर कोविड-19 फैलाने का आरोप लगाया गया. हालिया मामले में हिंदुत्वादी भीड़ जुम्मे की नमाज अदा करने वाले मुसलमानों को निशाना बना रही है.'
रिपोर्ट में हिजाब विवाद, मुसलमान फल-सब्जी वालों और मटन विक्रेताओं को निशाना बनाए जाने का भी जिक्र किया गया है. तुर्की की समाचार एजेंसी ने आगे लिखा, 'अप्रैल की शुरुआत में हिंदू त्योहार के दौरान, हिंदूत्ववादी भीड़ ने कई इलाकों में मस्जिदों पर पथराव किया. भीड़ ने मस्जिदों के बाहर तेज आवाज में धार्मिक गीत बजाए. मुस्लिम विरोधी बयानबाजी के लिए जाने जाने वाले हिंदू संत भारतीय मुसलमानों की जातीय सफाई का आह्वान करते हैं.'
कतर के अलजजीरा ने छापी रिपोर्ट
कतर के अलजजीरा ने भी इस पूरे विवाद को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की है. अलजजीरा ने लिखा, 'इस विवाद ने अरब देशों के सोशल मीडिया यूजर्स के गुस्से को बढ़ा दिया है. लोग सोशल मीडिया पर भारतीय उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान कर रहे हैं. यूजर्स इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ बढ़ती घृणा की निंदा कर रहे हैं और भारत पर इस्लामोफोबिया को बढ़ावा देने में फ्रांस और चीन के नक्शेकदम पर चलने का आरोप लगा रहे हैं.'
अलजजीरा ने ये भी लिखा है कि अप्रैल में अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (USCIRF) ने अमेरिकी विदेश विभाग से धार्मिक स्वतंत्रता के मामले में भारत को 'विशेष चिंता वाले देशों' की सूची में रखने के लिए लगातार तीसरे वर्ष आग्रह किया है.
बांग्लादेश के अखबार ने भी छापी खबर
मुस्लिम बहुल बांग्लादेश के अखबार द डेली स्टार ने कतर के विदेश मंत्रालय द्वारा भारतीय राजदूत को तलब करने की खबर छापी है. अखबार लिखता है कि कतर ने भारतीय राजदूत दीपक मित्तल को तलब किया और पैगंबर मोहम्मद पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए अपना भारी विरोध दर्ज किया.
अखबार ने बीजेपी से नूपुर शर्मा के निष्कासन पर लिखा है, 'पैगंबर मोहम्मद और इस्लाम पर आपत्तिजनक और सांप्रदायिक बयानों के बाद भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रवक्ता नुपुर शर्मा को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया.'
सऊदी अरब की मीडिया में क्या छपा?
सऊदी अरब के अखबार अरब न्यूज ने अपनी एक रिपोर्ट में पाकिस्तान, कतर, कुवैत आदि देशों की तीखी टिप्पणी को शामिल किया है. अखबार ने नूपुर शर्मा को बीजेपी से निलंबित किए जाने को लेकर लिखा, 'भारत की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने रविवार को पार्टी प्रवक्ता नूपुर शर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया. नूपुर ने एक टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनतक टिप्पणी की थी.'
अखबार ने बीजेपी से उस बयान को भी छापा है जिसमें पार्टी ने विवाद पर सफाई देते हुए कहा है कि बीजेपी किसी भी धार्मिक व्यक्तित्व के अपमान के सख्त खिलाफ है.
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अखबार ने क्या लिखा?
यूएई के अखबार खलीज टाइम्स ने भी नूपुर के निलंबन को अपनी एक रिपोर्ट में छापा है. अखबार लिखता है, 'भारतीय जनता पार्टी ने रविवार को अपनी राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा को अल्पसंख्यकों के खिलाफ कथित टिप्पणी के बाद पार्टी से निलंबित कर दिया है. नूपुर की टिप्पणी की भारी विरोध हो रहा है. पार्टी ने कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए दिल्ली बीजेपी मीडिया विंग के प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को भी निष्कासित कर दिया है.'