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मालदीव की संसद में नूपुर शर्मा को लेकर हंगामा, विपक्ष भड़का- पैगंबर के अपमान पर सरकार चुप क्यों

मालदीव की विपक्षी पार्टियों ने पैगंबर को लेकर मचे विवाद पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. Progressive Congress Coalition ने एक बयान जारी कर कहा है कि पिछले 75 सालों से अपनी विविधता से पहचाने जाने वाले देश भारत को इस तरह की घटनाएं अस्थिर कर रही हैं. वहीं, मालदीव की सत्ताधारी पार्टी इस पूरे मसले पर चुप है.

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मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहीम मोहम्मद सोलिह की पार्टी पैगंबर को लेकर मचे विवाद पर चुप है (Photo- AP)
मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहीम मोहम्मद सोलिह की पार्टी पैगंबर को लेकर मचे विवाद पर चुप है (Photo- AP)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मालदीव की संसद में पैगंबर विवाद को लेकर लाया गया प्रस्ताव
  • विपक्ष ने संसद में किया पेश
  • सत्तारूढ़ दल चुप लेकिन विपक्षी पार्टियां कर रहीं कड़ी आलोचना

पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयान को लेकर मचे हंगामे के बीच इस्लामिक देश मालदीव के विपक्ष ने संसद में एक आपातकालीन प्रस्ताव पेश किया है. ये प्रस्ताव बीजेपी प्रवक्ता रहते हुए नूपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी के खिलाफ लाया गया. मालदीव की इब्राहिम मोहम्मद सोलिह सरकार जहां इस मसले पर किसी तरह की प्रतिक्रिया देने से बच रही है, वहीं लगभग सभी विपक्षी पार्टियों ने इस मसले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है.

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आपातकालीन प्रस्ताव मदुवरी के सांसद एडम शरीफ उमर संसद में लेकर आए जो पास नहीं हो सका. सोमवार सुबह संसद में प्रस्ताव पेश करते हुए सांसद शरीफ ने जोर देकर कहा कि भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादित बयान दिया.

उन्होंने इस पर निराशा जाहिर की कि जहां एक तरफ लगभग सभी देश पैगंबर पर टिप्पणी के लिए भारत के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, वहीं मालदीव की सरकार इस पर चुप है.

'मालदीव सरकार चुप क्यों?'

उन्होंने कहा, 'ये बेहद चिंताजनक है कि मालदीव ने इस्लामिक देश के रूप में पैगंबर मोहम्मद की बदनामी पर एक शब्द भी नहीं कहा है, जबकि भारतीय मुसलमानों, इस्लामिक देशों के नेताओं और नागरिकों ने इसका विरोध किया है, कड़े शब्दों में इसकी निंदा की है. कुछ देशों के विदेश मंत्रालयों ने इस मामले पर भारतीय राजदूतों को तलब किया है और कुछ देशों में सोशल मीडिया अभियान शुरू किए गए हैं, जिसमें भारत के खिलाफ कार्रवाई का आग्रह किया गया है.'

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मालदीव की संसद में लाए गए इस प्रस्ताव पर वोटिंग के लिए 43 सांसदों ने भाग लिया. 33 सांसदों ने प्रस्ताव के विरोध मे वोट किया और समर्थन में केवल 10 वोट पड़े. प्रस्ताव को पास होने के लिए 23 वोटों की आवश्यकता थी. 

मालदीव की दो पार्टियों (PPM और PNC) के गठबंधन Progressive Congress Coalition ने ट्विटर पर एक बयान जारी कर भारत की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी पर निशाना साधा है. गठबंधन ने अपने बयान में लिखा है कि नूपुर शर्मा द्वारा इस तरह का बयान दिया जाना भारत में बढ़ते इस्लामोफोबिया, नस्लवाद और जातिगत हिंसा का ही एक हिस्सा है. इस तरह की घटनाएं दक्षिण एशिया क्षेत्र में उस भारत को अस्थिर करने के लिए हो रहीं हैं जो पिछले 75 सालों तक विविधता में एकता का देश रहा है.

बयान में आगे कहा गया, 'हम बीजेपी से इस तरह के वास्तविक मुद्दों को हल करने और मुस्लिम आबादी के लिए देश में एक सुरक्षित वातावरण तैयार करने का आग्रह करते हैं. पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी विश्व के सभी मुसलमानों के दिलों पर हमला है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जाएगा.  Progressive Congress Coalition विश्वभर के मुसलमानों की सुरक्षा और अधिकारों की वकालत करता रहेगा.'

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मलेशिया की Adhaalath Party (AP) ने भी बीजेपी प्रवक्ता द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए नूपुर शर्मा की आलोचना की है. एपी ने एक बयान जारी कर कहा है कि पैगंबर की शादियों को लेकर गलत बयान देना और उनके नाम को बदनाम करना पूरे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है.

बयान में कहा गया कि कोई भी मुसलमान इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद की बदनामी को बर्दाश्त नहीं करेगा. पार्टी ने अपने बयान में कहा, 'राजनीतिक पार्टी बीजेपी पहले भी इस्लाम के खिलाफ सार्वजनिक रूप से आवाज उठा चुकी है. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसी पार्टी के नेता हैं.'

मालदीव की विपक्षी पार्टियां जहां इस मुद्दे पर भारत सरकार को घेर रही है, वहीं देश की इब्राहिम मोहम्मद सोलिह सरकार मुद्दे पर किसी तरह की प्रतिक्रिया से बच रही है.

 

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