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...ताकि अमेरिका को भारत, चीन के सामने झुकना न पड़े: ओबामा

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने देश की आर्थिक नीतियों में सुधार की जरूरत पर बल देते हुए कहा है कि ऐसा नहीं करने से अमेरिका को आगे चलकर भारत, जर्मनी और चीन जैसे देशों के सामने झुकना पड़ सकता है.

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बराक ओबामा
बराक ओबामा

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने देश की आर्थिक नीतियों में सुधार की जरूरत पर बल देते हुए कहा है कि ऐसा नहीं करने से अमेरिका को आगे चलकर भारत, जर्मनी और चीन जैसे देशों के सामने झुकना पड़ सकता है.

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ओबामा ने कहा, ‘यदि हम ऐसे निवेश नहीं किए और वे सुधार नहीं किए, तो आगे हमें दुनिया के बाकी देशों से सामने घुटने टेकना होगा, क्योंकि वे आगे बढ़ रहे हैं. उनकी रफ्तार धीमी नहीं पड़ रही है.’ उन्होंने कहा कि चीन, जर्मनी और भारत जैसे देश आगे बढ़ रहे हैं और अमेरिकी चुपचाप नहीं बैठ सकता, कुछ नहीं करना मिडिल क्‍लास के हक में नहीं है.

अमेरिकी राजनीतिक गतिरोध को तोड़ने के लिए ड्राफ्ट पेश करते हुए ओबामा ने कहा कि देश में टिकाऊ उद्योग और भावी वृद्धि को प्रोत्साहित करने वाले उद्योगों में अच्छे किस्म के अच्छे वेतन वाले रोजगार पैदा करने की जरूरत है.

उन्होंने कहा, ‘अमेरिका में 1990 के दशक के बाद पहली बार विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार कम नहीं हुआ है, बल्कि बढ़ा है. मैं नई टैक्‍स रियायत चाहता हूं, ताकि जिन शहरों में लोग कारखाने बंद होने से बहुत अधिक प्रभावित हुए हैं, वे निवेश आकर्षित कर सकें.’

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ओबामा ने संसद के निचले सदन से अपील की कि नए तरह के 45 विनिर्माण संस्थान बनाए जाएं, जो कंपनियों, विश्वविद्यालयों और सरकारी एजेंसियों से जुड़े हों, ताकि कंपिटीशन में पीछे छूट गए शहरों को उच्च प्रौद्योगिकी के केंद्रों के रूप में स्थापित किया जा सके. उन्होंने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि यह अमेरिका में बने. मैं नहीं चाहता कि यह विदेश में बने.’

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