मध्यम वर्ग के कंधे पर टिकी है अमेरिका की खुशहाली. ये वाक्य हैं अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के, जिन्होंने सोमवार को 8 लाख लोगों के सामने दूसरे कार्यकाल की शपथ ली. हालांकि, शपथ ग्रहण को लेकर लोगों में इस बार पहले वाला जोश नहीं था, लेकिन उसकी भव्यता किसी मायने में काम नहीं थी.
लगातार दूसरी बार दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क के राष्ट्रपति का शपथ लेने के बाद बराक ओबामा जब लोगों से मिलने सड़क पर उतरे तो नजारा देखने लायक था.
वाशिंगटन में यूएस कैपिटल के बाहर सड़क के दोनों किनारे लाखों लोगों का हूजम और लोगों का अभिवादन करते ओबामा. ना सुरक्षा का बेमतलब तामझाम ना भारत की तरह बैरिकेडिंग. एक जननायक की तरह लोगों के बीच थे ओबामा. इससे पहले एक भव्य रंगारंग समारोह में ओबामा ने शपथ ली. शपथ पूरा हुआ तो ओबामा ने पत्नी और दोनों बेटियों को गले लगाया. और फिर अमेरिका का आसमान तोप की गड़गड़ाहट और ओबामा-ओबामा के नारों से गूंज उठा.
रविवार को व्हाइट हाउस के ब्लू रूम में एक सादे समारोह में शपथ लेने के बाद ओबामा दूसरी बार सार्वजनिक तौर पर शपथ ले रहे थे. नजारा पूरी दुनिया देख रही थी. उत्सुकता थी कि क्या बोलते हैं ओबामा. ओबामा ने कहा, 'लोगों को ये समझना होगा कि संपन्न लोगों की सिकुड़ती तादाद और बदहालों की बढ़ती संख्या से हमारा देश कामयाब नहीं हो सकता. हमारा मानना है कि अमेरिका की संपन्नता उभरते मध्यम वर्ग के चौड़े कंधों पर हैं.'
ओबामा ने युद्ध का दौर खत्म होने की बात कही. आर्थिक बेहतरी का भरोसा दिलाया. इसके लिए साथ मिलकर काम करने की जरुरत पर जोर दिया. ओबामा ने कहा, 'दशक पुराना युद्ध खत्म हो रहा है. आर्थिक बेहतरी का दौर शुरू हो चुका है. अमेरिका की संभावनाएं असीम हैं. हमारे अंदर पूरी दुनिया को एकजुट रखने के लिए जरूरी सारी खूबियां हैं. युवा शक्ति, विविधता और आजादी, जोखिम उठाने की हमारी असीमित क्षमता और नई चीजों को ईजाद करने की आधुनिक सोच. मेरे साथी अमरीकियों, हम इसी के लिए बने हैं. हम कामयाब होंगे जब तक हम साथ हैं.
ओबामा ने अपने भाषण में एशिया से अफ्रीका और अमेरिका से मध्य पूर्व तक लोकतंत्र के लिए संघर्ष करने का संकल्प लिया. साथ ही अफगानिस्तान से अमेरिकी फौज हटाने का भी इशारा किया. ओबामा ने कहा, 'हम अमेरिकी इस बात में भरोसा करते हैं कि दुनिया में सुरक्षा और शांति सुनिश्चित करने के लिए कोई जंग जरूरी नहीं है.'
शपथ ग्रहण के बाद हर राज्यों की रंगारंग झांकी निकाली गई. इतिहास का गवाह बनने करीब 8 लाख लोग पहुंचे थे. लेकिन, जानकारों राय में इस बार शपथ ग्रहण में ओबामा का करिश्मा थोड़ा फीका था. पिछली बार 18 लाख की भीड़ ओबामा का शपथ ग्रहण देखने उमड़ी थी.