सोचिए, दुनिया का नक्शा कैसा दिखेगा. अगर कनाडा और मेक्सिको, अमेरिका का हिस्सा बन जाए. रूस फिर से USSR में तब्दील हो जाए. पाकिस्तान और अफगानिस्तान का नामोनिशान भी ना बचे और दोनों अखंड भारत में जा मिलें. वर्ल्ड मैप में सिर्फ 15 देश हों. हालांकि, फिलहाल ऐसा कुछ भी नहीं होने जा रहा है. लेकिन इन दिनों सोशल मीडिया पर एक नक्शा वायरल हो रहा है. द्वितीय विश्व युद्ध से पहले का ये 82 साल पुराना नक्शा न्यू वर्ल्ड ऑर्डर मैप (New World Order Map) है. इस नक्शे के बारे में बताने से पहले यह जान लेते हैं कि अचानक सोशल मीडिया पर यह वायरल हो क्यों रहा है.
डोनाल्ड ट्रंप जल्द अमेरिका की कमान संभालने वाले हैं. राष्ट्रपति बनने से पहले ट्रंप ने अपनी विस्तारवादी महत्वाकांक्षा जगजाहिर कर दी है. कनाडा को 51वां अमेरिकी राज्य बनाने पर आमादा ट्रंप ग्रीनलैंड को भी कब्जाना चाहते हैं. ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या ये कर लेने के बाद ट्रंप रुकेंगे? अगर कनाडा और ग्रीनलैंड अमेरिका के हो जाते हैं तो क्या ट्रंप का अगला निशाना मेक्सिको नहीं होगा. इन अटकलों के बीच ही लोगों ने New World Order Map को वायरल करना शुरू कर दिया है. सबसे पहले यह जानते हैं कि आखिर ये न्यू वर्ल्ड ऑर्डर मैप है क्या और इसमें किन देशों का जिक्र है.
क्या है न्यू वर्ल्ड ऑर्डर मैप?
बिग थिंक की रिपोर्ट बताती है कि न्यू वर्ल्ड ऑर्डर मैप को सबसे पहले 1942 में प्रकाशित किया गया. अमेरिकी राज्य पेंसिल्वेनिया के फिलाडेल्फिया शहर में मौरिस गोम्बर्ग ने इसका प्रकाशन किया. मौरिस ने तब दावा किया कि वर्ल्ड वॉर-2 के बाद दुनिया के मानचित्र में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे. दुनिया में 15 देश ही वजूद में रह जाएंगे. आइए अब आगे जानते हैं कि इस मैप में किस देश के लिए क्या कहा गया है.
MAP में अमेरिका के बारे में क्या?
नक्शा प्रकाशित करने वाले मौरिस गोम्बर्ग मूल रूप से रूस के रहने वाले थे, लेकिन वह अमेरिका शिफ्ट हो गए थे. अमेरिका को लेकर मौरिस ने कहा था कि US एक बड़ी सैन्य शक्ति बनकर उभरेगा, जिसमें कनाडा के अलावा सभी मध्य अमेरिकी देश जैसे ग्वाटेमाला, पनामा, निकारागुआ, अल साल्वाडोर, कोस्टा रिका, होंडुरस, बेलीज, डोमिनिकन गणराज्य और क्यूबा भी शामिल हो जाएंगे. एंटीगुआ, बहामास, बारबाडोस और डोमिनिका जैसे कैरेबियाई देश भी इसका हिस्सा होंगे. ग्रीनलैंड और आइसलैंड जैसे अटलांटिक द्वीप के अलावा मेक्सिको भी अमेरिका में शमिल हो जाएगा.
रूस को लेकर क्या कहा था?
जिस समय (1942) मौरिस ने दुनिया का संभावित नक्शा जारी किया था, तब आज का रूस USSR हुआ करता था. मौरिस ने रूस को भी अमेरिका के समान ही मजबूत दिखाया था. USSR के मैप में आज के ईरान, मंगोलिया, मंचूरिया, फिनलैंड और पूरे पूर्वी यूरोप का हिस्सा शामिल दिखाया गया. ऑस्ट्रिया और जर्मनी का भी एक बड़ा हिस्सा, USSR में ही दिखाया गया.
USSA के रूप में नए देश के बारे में बताया
मैप में एक नए देश संयुक्त राज्य दक्षिण अमेरिका (USSA) का भी जिक्र है, जिसमें सभी दक्षिण अमेरिकी राज्य शामिल किए गए. इसमें गुयाना, सूरीनाम और फ्रेंच गुयाना के साथ-साथ फॉकलैंड द्वीप को भी USSA का हिस्सा बताया गया.
अरब देशों को मिलाकर इस देश का जिक्र
नक्शे में अफ्रीकी गणराज्य संघ (UAR) के बारे में भी बात की गई है, जिसे पूरे अफ्रीका गणराज्यों का एक संघ बताया गया. वहीं, मिडिल ईस्ट के देशों जैसे सऊदी अरब, इराक और सीरिया को मिलाकर नए देश अरेबियन फेडरेटेड रिपब्लिक (AFR) का भी जिक्र किया गया.
अखंड भारत के मैप में शामिल किए ये देश
भारत को लेकर मौरिस ने ऐसा नक्शा दिया, जो काफी हद तक शक्तिशाली अखंड भारत के संभावित नक्शे से मिलता है. इस नक्शे में भारत के अंदर आज के अफगानिस्तान, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और म्यांमार को भी दिखाया गया. यहां ये बात भी जानने वाली है कि जब (1942) ये नक्शा बनाया जा रहा था, उस समय भारत अंग्रेजों के चंगुल से आजाद भी नहीं हुआ था. मैप में भारत को फेडरेशन रिपब्लिक ऑफ इंडिया नाम दिया गया.
चीन में समा गए कोरिया, थाईलैंड और लाओस
इस मैप में वर्तमान चीन के स्थान पर एक संयुक्त चीनी गणराज्य (URC)को दिखाया गया है. मैप के अंदर चीन में दक्षिण और उत्तर कोरिया के साथ-साथ वियतनाम, लाओस, कंबोडिया, थाईलैंड और मलाया के बड़े हिस्से को भी शामिल किया गया है.
जर्मनी, फ्रांस और स्पेन को मिलाकर किया एक
यूरोप के जिन बड़े-बड़े देशों को आज हम देखते हैं, उन्हें मिलाकर एक संयुक्त राज्य यूरोप (USE) बनाया गया है. इसमें जर्मनी, फ्रांस, स्विट्जरलैंड, स्पेन, पुर्तगाल और इटली को भी शामिल कर लिया गया है.