पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को पद से हटाने के लिए विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है. इस प्रस्ताव पर आज यानी 25 मार्च को नेशनल असेंबली में बहस होगी. नेशनल असेंबली के अध्यक्ष असद कैसर ने सदन का सत्र बुलाने का आदेश भी जारी कर दिया है. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के करीब 100 सांसदों ने आठ मार्च को नेशनल असेंबली सचिवालय को अविश्वास प्रस्ताव दिया था. इसमें आरोप लगाया गया है कि इमरान नीत पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार देश में आर्थिक संकट और मुद्रास्फीति के लिए जिम्मेदार है. 2018 में इमरान खान ने प्रधानमंत्री पद संभाला था.
21 मार्च को सत्र बुलाने पर अड़ा था विपक्ष
विपक्ष ने कानूनी आवश्यकताओं के अनुसार 21 मार्च तक सत्र बुलाने की मांग की थी लेकिन 22 मार्च से संसद भवन में शुरू होने वाले इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के बहुचर्चित 48वें शिखर सम्मेलन के कारण सत्र नहीं बुलाया जा सका था. शुरू में विपक्ष ने समय पर सत्र न बुलाने पर धरना प्रदर्शन करने की धमकी दी थी हालांकि बाद में वह बाद में सत्र बुलाने को तैयार हो गया था.
इस शर्त पर विपक्ष ने सत्र की तारीख बदली
विपक्ष ने कहा था कि पाकिस्तान के राजनीतिक उथल-पुथल के कारण ओआईसी के कार्यक्रम को प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा. संसद का निचला सदन प्रधानमंत्री के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर 25 मार्च को विचार करेगा. अगर इस प्रस्ताव को सदन औपचारिक रूप से स्वीकार कर लेता है तो तीन से सात दिनों के बीच मतदान कराया जाना चाहिए.
इमरान खान के पास नहीं है बहुमत
पाकिस्तान में सत्ता के आंकड़ों पर नजर डालें तो इमरान को पहले 176 सांसदों का समर्थन हासिल था, लेकिन 24 सांसदों के बागी होने के बाद अब इमरान सरकार के साथ 152 सांसद ही खड़े हैं. यानी 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में इमरान खान बहुमत के 172 के आंकड़े से काफी पीछे हैं.
विपक्ष को धमकी भी दे चुके हैं इमरान
इमरान खान विपक्ष को यह चेतावनी दे चुके हैं कि अगर वह पद से हटते हैं तो वह चुप नहीं रहेंगे. मैं अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करूंगा, भले ही मेरी सरकार हटा दी जाए. मैं लोगों और भगवान को धोखा नहीं दे सकता. उन्होंने यह भी दावा किया कि उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की लोकप्रियता में वृद्धि देखी गई है. उन्होंने कहा, '60-65 फीसदी लोग मेरे साथ खड़े हैं.