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रामनवमी पर हिंसा: मुस्लिम देशों के संगठन OIC का कड़ा बयान, मोदी सरकार ने दिया जवाब

इस्लामिक देशों के संगठन 'ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन' (OIC) ने एक बयान जारी कर भारत के कई राज्यों में रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा में मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने का आरोप लगाया था. भारत सरकार ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ओआईसी की 'सांप्रदायिक मानसिकता' और 'भारत विरोधी' एजेंडे के लिए आलोचना की है.

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इस्लामिक संगठन ओआईसी (OIC) के महासचिव हिसेन ब्राहिम ताहा (फाइल फोटो)
इस्लामिक संगठन ओआईसी (OIC) के महासचिव हिसेन ब्राहिम ताहा (फाइल फोटो)

रामनवमी पर भारत में हुई हिंसा को लेकर इस्लामिक देशों के संगठन 'ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन' (OIC) की टिप्पणी पर भारत सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने ओआईसी को सांप्रदायिक मानसिकता से पीड़ित और भारत विरोधी बताया है.

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भारत की यह कड़ी प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब OIC सचिवालय ने सोमवार को बयान जारी करते हुए कहा था कि भारत में रामनवमी शोभायात्रा के दौरान मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाया जाना चिंताजनक है.  

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ओआईसी की आलोचना करते हुए कहा, "हम भारत के संबंध में OIC सचिवालय की ओर से जारी किए गए बयान की कड़ी निंदा करते हैं. ओआईसी का यह बयान उनकी सांप्रदायिक मानसिकता और भारत विरोधी एजेंडे का एक और उदाहरण है.''

बयान में भारत सरकार ने यह भी कहा है कि ओआईसी केवल भारत विरोधी ताकतों से गुमराह होकर अपनी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाता है. 

क्या कहा था ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन' (OIC) ने

ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन ने सोमवार को बयान जारी करते हुए कहा था, "OIC रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान भारत के कई राज्यों में मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने वाली हिंसा और तोड़फोड़ की गतिविधियों पर गहरी चिंता जाहिर करता है.

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अतिवादी हिंदुओं की भीड़ ने बिहारशरीफ में मदरसों के अलावा लाइब्रेरी को भी आग के हवाले कर दिया. ओआईसी हिंसा और बर्बरता के ऐसे कृत्यों की निंदा करता है. ओआईसी भारतीय अधिकारियों से अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और देश में मुस्लिम समुदाय की सुरक्षा, सुरक्षा, अधिकार और सम्मान सुनिश्चित करने का आह्वान करता है."  

कश्मीर पर ओआईसी की विवादित टिप्पणी

ऐसा पहली बार नहीं है जब ओआईसी ने भारत के आंतरिक मामले में टिप्पणी की हो. इस्लामिक देशों का यह संगठन भारत के खिलाफ लगातार बयान देता रहा है. दिसंबर 2022 में भी ओआईसी के महासचिव हिसेन ब्राहिम ताहा ने जम्मू कश्मीर को लेकर विवादित बयान दिया था. पीओके दौरे के दौरान ताहा ने कहा था कि कश्मीर विवाद को सुलझाने के लिए ओआईसी एक खाका तैयार कर रहा है. 

भारत ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि भारत के आंतरिक मामलों में हम किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेंगे. 

इसके अलावा अक्टूबर 2022 में भी ओआईसी ने बयान जारी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 बहाल करने और कश्मीर में हो रहे डेमोग्राफिक बदलाव को रोकने की मांग की थी. 

OIC की विश्वसनीयता नहीं: भारत सरकार 

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भारत सरकार ओआईसी के भारत विरोधी बयान के पीछे पाकिस्तान का हाथ बताती है. भारत सरकार ने दिसंबर 2022 में कहा था कि इस्लामिक देशों का संगठन घोर सांप्रदायिक, पक्षपातपूर्ण और तथ्यात्मक रूप से गलत स्टैंड लेकर पहले ही अपनी विश्वसनीयता खो चुका है. OIC का महासचिव पाकिस्तान का प्यादा बन चुका है. 

भारत सरकार ने मार्च 2022 में भी ओआईसी को लेकर कहा था कि इस्लामिक सहयोग संगठन अप्रासंगिक है. इसके भारत विरोधी प्रस्ताव और बयान दिखाते हैं कि इसके जोड़तोड़ में पाकिस्तान की कितनी बड़ी भूमिका है.

क्या है OIC

OIC का पूरा नाम ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन है. इसका हेडक्वार्टर सऊदी अरब के जेद्दाह शहर में है. यह 57 मुस्लिम बहुल देशों का संगठन है. ओआईसी में गल्फ कंट्री सऊदी अरब और उसके सहयोगी देशों का दबदबा माना जाता है. इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय शांति और सद्भाव बनाते हुए मुसलमानों की सुरक्षा करना है. 

 

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