ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) ने भारत की ओर से लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) के पार हुए हवाई हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है. ओआईसी ने एक ट्वीट में लिखा है कि अपने किसी संस्थापक सदस्य देश पर हुए इस हमले की जनरल सेक्रेटेरिएट भर्त्सना करता है.
एक अन्य ट्वीट में ओआईसी ने लिखा है कि इस्लामिक संगठन 26 फरवरी को भारतीय घुसपैठ, हवाई उल्लंघन और चार बम गिराए जाने की कार्रवाई की आलोचना करता है. ओआईसी ने दोनों देशों से तनाव कम करने और ऐसा कोई कदम न उठाने का आग्रह किया है जिससे भारत-पाकिस्तान के इलाके में शांति और सुरक्षा खतरे में पड़ती हो.
ओआईसी ने दोनों पक्षों को जवाबदेही के साथ मौजूदा संकट से निपटने और इसका शांतिपूर्ण समाधान निकालने की अपील की है. अपील में कहा गया है कि बल प्रयोग किए बिना दोनों देश अपने मुद्दे सुलझाएं. पनपे तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों के बीच परस्पर बातचीत का सहारा लेने की सलाह दी गई है.
The #OIC condemned the #Indian incursion and aerial violation and dropping of four bombs today, 26 February 2019. It urged India and #Pakistan to exercise restraint and avoid any steps that would endanger peace and security in the region. 2/
— OIC (@OIC_OCI) February 26, 2019
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के सबसे बड़े आतंकी शिविर पर मंगलवार तड़के भारतीय वायुसेना ने हमला किया और कई आतंकियों को मार गिराया. पाकिस्तान समर्थित आतंकी शिविरों पर हवाई हमले करने का अंतिम फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में लिया गया, जिसमें गृहमंत्री राजनाथ सिंह, रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण, एनएसए डोभाल और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीरेंद्र सिंह धनोआ मौजूद थे.
विदेश सचिव विजय. के. गोखले ने मंगलवार को मीडिया को बताया, "इस अभियान में बड़ी संख्या में जेईएम आतंकी, ट्रेनर, टॉप कमांडर और फिदायीन हमले के लिए ट्रेनिंग ले रहे जिहादी समूह मारे गए हैं." उधर पाकिस्तान ने माना कि भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में धावा बोला है लेकिन उसने दावा किया कि जब उसके जंगी विमानों ने जवाबी कार्रवाई की तो वे लौट गए.
#OIC called upon both parties to act responsibly & encouraged them to seek peaceful solution to current crisis without resort to use of force. It also called on them to embrace dialogue & work towards de-escalation of current situation as a matter of priority. #Pakistan #India 3/
— OIC (@OIC_OCI) February 26, 2019
गौरतलब है कि अबूधाबी में चलने वाले ओआईसी की बैठक में भारत पहली बार शिरकत करेगा. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को इसकी बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करने के लिए बुलाया गया है. सुषमा स्वराज को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान ने एक-दो मार्च को अबूधाबी में होने वाली विदेश मंत्रियों की परिषद के 46वें सत्र के उद्घाटन सत्र को संबोधित करने के लिए न्योता दिया गया है.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने नाहयान के न्योते को स्वीकार कर लिया है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत में 18.5 करोड़ मुसलमानों की मौजूदगी में उनके योगदान और इस्लामी दुनिया में भारत के योगदान को 'स्वागत योग्य मान्यता' देता है. बयान में कहा गया, "भारत ओआईसी बैठक के उद्घाटन सत्र में शामिल होने का आमंत्रण स्वीकार कर खुश है और हम यूएई के आमंत्रण के लिए उनके नेतृत्व का धन्यवाद करते हैं."