आतंकवादी संगठन अलकायदा का प्रमुख ओसामा बिन लादेन को मार गिराने के बाद अब अमेरिका उसके बारे में अहम जानकारियां सामने ला रहा है. अमेरिका की ओर से सार्वजनिक किए गए दस्तावेजों के मुताबिक, ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में छिपने के अंपने अंतिम वर्षो में किताबों में डूबा रहता था और कुशल संपादक भी था.
सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बिन लादेन की डिजिटल लाइब्रेरी से पता लगता है कि वह पढ़ने का बड़ा शौकीन था. उसके पास 'ओबामाज वॉर्स' नाम की किताब भी थी, जिसे बॉब वुडवर्ड ने लिखा था. बॉब ने इस किताब में लिखा था कि बराक ओबामा प्रशासन ने कैसे अमेरिकी सैनिकों को जबरन अफगानिस्तान में घुसाया. इसके साथ ही उसकी लाइब्रेरी में नोम चोम्स्की जैसे लेखकों की पुस्तकें शामिल थीं.
खुफिया कार्यालय ने दी जानकारी
अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया कार्यालय के निदेशक की ओर से बुधवार को ओसामा की पुस्तकों से संबंधित जानकारी सार्वजनिक की गई है. 'बिन लादेन बुकशेल्फ' नाम से जारी किए गए दस्तावेजों का अरबी से अंग्रेजी में अनुवाद किया गया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि वह एक कुशल संपादक था और उसके द्वारा लिखे गए कुछ पत्रकों को समझने के लिए 50 बार पढ़ना पड़ा. अमेरिकी सील को ओसामा के घर से उसके कम्प्यूटर और डिजिटल मीडिया से हजारों दस्तावेज मिले थे, जिसमें से 103 दस्तावेजों को सार्वजनिक किया गया है.
ओसामा ने दी बड़ी क्रांति को हवा
दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि ओसामा ने अरब क्रांति पर भी प्रतिक्रिया दी थी. अरब क्रांति की आग ओसामा के मरने से कुछ महीने पहले मध्यपूर्व के देशों में भड़की थी. लादेन ने इस मध्यपूर्व की क्रांति पर सार्वजनिक रूप से कुछ भी नहीं कहा, हालांकि उसने निजी तौर पर पत्रों में इस बात को विस्तार से लिखा है. अपने लेखों में उसने सूचना क्रांति के नए कारकों को क्रांति के लिए प्रेरित करने में मदद करने वाला बताया. इसके अलावा उसने इसे मुस्लिम इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओं में शुमार किया.
- इनपुट IANS