'ब्लेड रनर' नाम से मशहूर दक्षिण अफ्रीका के ओलंपिक एथलीट ऑस्कर पिस्टोरियस के खिलाफ उनकी प्रेमिका रेवा स्टीनकैम्प की पूर्वनियोजित हत्या का आरोप साबित नहीं हो सका. प्रिटोरिया की एक अदालत ने गुरुवार को यह फैसला सुनाया.
'द इंडिपेंडेंट ऑनलाइन' के मुताबिक प्रिटोरिया हाईकोर्ट की जज थोकोसिले मासिपा ने फरवरी 2013 से जुड़े इस मामले में पिस्टोरियस को बरी कर दिया. पिस्टोरियस पर अपने घर के शौचालय में से अपनी प्रेमिका स्टीनकैम्प पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाने का आरोप था.
मासिपा ने कहा कि सरकार एक हद तक शक के अलावा यह साबित नहीं कर सकी कि पिस्टोरियस ने स्टीनकैम्प को जानबूझकर मारने के लिए गोलियां चलाई थीं.
वेबसाइट ने मासिपा के हवाले से लिखा है, 'आरोपी सही मायने में हथियार का उपयोग करना चाहता था..(लेकिन) गोली चलाने का उसका मकसद किसी को मारना नहीं था.'
बीते साल तीन मार्च को इस मामले की सुनवाई शुरू हुई थी. पिस्टोरियस ने लगातार कहा था कि उन्होंने 14 फरवरी, 2013 को घबराकर गोली चलाई थी क्योंकि उन्हें लगा था कि उनके घर में कोई चोर घुस आया है.
दूसरी ओर, सरकारी वकील गैरी नील ने कहा था कि स्टीनकैम्प की हत्या के मामले में पिस्टोरियस ने बार-बार दो तरह के बयान दिए हैं.
नील के मुताबिक कई पड़ोसियों ने देखा कि पिस्टोरियस ने जानबूझकर स्टीनकैम्प को गोली मारी. नील ने पिस्टोरियस के खिलाफ उम्र कैद की मांग की थी.
मासिपा ने कहा कि पिस्टोरियस के खिलाफ सरकार यदि पर्याप्त सबूत लाती तो वह निश्चित तौर पर बरी नहीं किए जाते. रिपोर्ट के मुताबिक हालांकि यह अब तक साबित नहीं हो सका है कि पिस्टोरियस सदोष मानवहत्या से जड़े मामले में दोषी करार दिए जा सकते हैं या नहीं.
अदालत के फैसले के बाद पिस्टोरियस को सिसकियों के बीच अपने परिजनों और भाइयों को गले लगाते देखा गया.
पिस्टोरियस दोनों पैरों से अपंग हैं और इसके बावजूद वह ब्लेड की मदद से ओलंपिक में हिस्सा ले चुके हैं. ऐसा करने वाले वह विश्व के पहले विकलांग एथलीट हैं. उन्हें ब्लेड रनर के रूप में जाना जाता है.