पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनिर ने हाल ही में देश के सामने खड़ी गंभीर चुनौतियों और खतरों पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने शासन, चरमपंथ और राष्ट्रीय एकता जैसे मुद्दों पर खासतौर से चर्चा करते हुए कहीं न कहीं शहबाज शरीफ सरकार पर निशाना साधा है. जब पाकिस्तान आतंकवादी गतिविधियों की बढ़ती संख्या के साथ संघर्ष कर रहा है, ऐसे समय में जनरल मुनिर की टिप्पणियां काफी अहम हो जाती हैं.
जनरल असीम मुनिर ने मौजूदा शासन की खामियों और सुरक्षा बलों के निरंतर बलिदान को लेकर अपनी गहरी चिंता जाहिर की. उन्होंने पूछा, "हम शासन की असफलताओं की वजह से कितने लोगों की जान गंवाते रहेंगे? हम कब तक अपनी सेनाओं और शहीदों के खून से शासन के गैप को भरते रहेंगे?"
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पाकिस्तान को एक "हार्ड स्टेट" बनने की जरूरत!
आर्मी चीफ मुनिर ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को एक "हार्ड स्टेट" की दिशा में बढ़ने की आवश्यकता है. यह स्थिति न सिर्फ सैन्य प्रतिष्ठान की निराशा को दर्शाती है बल्कि यह देश की सुरक्षा और स्थिरता को कमजोर करने वाले सिस्टम संबंधी मुद्दों की ओर भी इशारा करती है.
असीम मुनिर की धर्म गुरुओं से अपील
आर्मी चीफ मुनिर ने धर्म गुरुओं से अपील की है कि वे इस्लाम की चरमपंथी तत्वों द्वारा पेश की गई गलत बयानी और दावों का भंडाफोड़ करें. जनरल मुनिर ने धर्म गुरुओं से इस्लाम की सच्ची शिक्षाओं को सामने लाने और चरमपंथी संगठनों द्वारा फैलाए गए विचारधाराओं का विरोध करने की अपील की. उन्होंने यह भी राष्ट्रीय एकजुटता और स्थिरता के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने अपील की कि यह कि राजनीतिक और निजी हितों से ऊपर उठकर ही देश की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है.
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लड़ाई वर्तमान के लिए नहीं, भविष्य के लिए है!
जनरल मुनिर ने जिक्र किया कि यह लड़ाई सिर्फ वर्तमान के लिए नहीं, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के अस्तित्व के लिए भी है. उन्होंने सभी हिस्सेदारों से पाकिस्तान की रक्षा के हित में एक विचार अपनाने की अपील की और कहा कि यह एकता विभाजन को रोकने और देश को मौजूदा खतरों का प्रभावी ढंग से सामना करने में मदद करेगी.