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अमेरिका के ISIS विरोधी संगठन में शामिल होने की मांग पर विचार कर रहा पाकिस्तान

पाकिस्तान खतरनाक आतंकी संगठन आईएसआईएस के खिलाफ कई देशों के गठबंधन में शामिल होने के अमेरिका के आग्रह पर विचार कर रहा है. ISIS दुनिया में शांति के लिए अल-कायदा के बाद सबसे ताकतवर खतरा बन कर सामने आया है.

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अमेरिका की मांग पर विचार कर रहा पाकिस्तान
अमेरिका की मांग पर विचार कर रहा पाकिस्तान

पाकिस्तान खतरनाक आतंकी संगठन आईएसआईएस के खिलाफ कई देशों के गठबंधन में शामिल होने के अमेरिका के आग्रह पर विचार कर रहा है. ISIS दुनिया में शांति के लिए अल-कायदा के बाद सबसे ताकतवर खतरा बन कर सामने आया है.

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता काजी खलीलुल्लाह ने बताया कि अमेरिका ने पाकिस्तान से ISIS विरोधी संगठन में शामिल होने का आग्रह किया है. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ‘विस्तृत’ ब्यौरे की प्रतीक्षा कर रहा है.

अल-कायदा का इराकी सहयोगी था ISIS
आईएसआईएस या आईएस अल-कायदा से अलग हुआ संगठन है और इसने इराक एवं सीरिया के सैकड़ों वर्ग मील भू-भाग पर कब्जा कर रखा है. एक समय यह अल-कायदा का इराकी सहयोगी था. पाकिस्तान का नागरिक और सैन्य दोनों नेतृत्व देश के इस गठबंधन में शामिल होने पर इसकी घरेलू मोर्चे पर होने वाली प्रतिक्रिया को लेकर सशंकित है.

अंतरराष्ट्रीय आलोचना का सामना कर रहा पाक
एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया, ‘ राजनीतिक और धार्मिक संगठनों के विरोध के कारण नई लड़ाई में देश को शामिल करना मुश्किल होगा.’ हालांकि, नए समूह में शामिल नहीं होने से देश के अलग-थलग पड़ने की आशंका बढ़ सकती है, जो पहले से ही आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में ‘ज्यादा कुछ नहीं’ करने को लेकर अंतरराष्ट्रीय आलोचना का सामना कर रहा है.

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सउदी अरब के नाराज होने का खतरा
पाकिस्तान सउदी अरब के रवैये को भी ध्यान में रखे हुए है. इस्लामाबाद ने यमन में रियाद के नेतृत्व में एक गठबंधन में शामिल होने से इंकार कर दिया था. अधिकारी ने बताया, ‘ अब नए समूह में शामिल होने से सउदी अरब के नाराज होने का खतरा है, जो पहले से ही यमन के मुद्दे पर पाकिस्तान से नाखुश है.’

प्रधानमंत्री नवाज शरीफ संयुक्त राष्ट्र महासभा के वार्षिक सत्र में भाग लेने के लिए इस हफ्ते न्यूयार्क का दौरा कर रहे हैं. अगले महीने राष्ट्रपति बराक ओबामा से मिलने के लिए उनके अधिकारिक यात्रा पर फिर से अमेरिका जाने की संभावना है.

नया मोर्चा खोले जाने के खिलाफ
एक सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘ आईएसआईएस से लड़ाई यमन संकट से अलग है क्योंकि इसमें तुर्की जैसे कई राष्ट्र शामिल हैं, जो पाकिस्तान के बहुत करीब हैं.’ इसका मतलब यह नहीं है कि लड़ाई में शामिल हो जाया जाए क्योंकि सिद्धांतत: प्रधानमंत्री शरीफ और सेना प्रमुख जनरल रहील शरीफ दोनों देश में उग्रवाद का खत्म होने तक कोई नया मोर्चा खोले जाने के खिलाफ हैं.

इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ और कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी पार्टी के बारे में संभावना है कि अमेरिका के नेतृत्व में किसी भी गठबंधन का वे विरोध करेंगे.

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इनपुट- भाषा

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