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पाकिस्तान: बेटों से फोन पर बात करने के लिए तरसे इमरान खान, कोर्ट ने जारी किया नोटिस

इमरान खान इन दिनों अपने बेटों से बात करने के लिए तरस गए हैं. उन्होंने ब्रिटेन में रह रहे अपने दोनों बेटों से फोन पर बात कराने की गुजारिश की है, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद भी जेल अधीक्षक उनकी बात कराने को तैयार नहीें है.

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इमरान खान (फाइल फोटो)
इमरान खान (फाइल फोटो)

पाकिस्तान की जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान अपने बच्चों से फोन पर बात करने के लिए तक तरस गए हैं. उनकी याचिका पर पाकिस्तान की स्पेशल कोर्ट ने दूसरी बार जेल सुपरिटेंडेंट को नोटिस जारी किया है और फोन पर इमरान खान की बात उनके बच्चों से कराने के लिए कहा है.

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दरअसल, इमरान खान के दोनों बच्चे सुलेमान और कासिम इमरान की पूर्व पत्नी जेमिमा के साथ ब्रिटेन में रहते हैं. जेमिमा 2004 में इमरान से तलाक ले चुकी हैं. पूर्व प्रधानमंत्री काफी दिनों से अपने बच्चों से बात करने की इच्छा जता रहे हैं. इसके लिए उन्होंने बकायदा स्पेशल कोर्ट के जज अबुल हसनत जुल्करनैन की अदालत में याचिका दाखिल की थी. 

अदालत ने पूछा बात ना कराने का कारण

जज ने जेल सुपरिटेंडेंट को आदेश दिया था कि वह इमरान की बात फोन पर उनके बच्चों से कराए, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद भी जेल अधीक्षक ने ऐसा नहीं किया. इसके बाद इमरान खान दोबारा अदालत के पास पहुंचे. इस बार कोर्ट ने जेल सुपरिटेंडेंट को नोटिस जारी करते हुए पूछा कि आखिर अदालत के आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया.

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जेल अधिकारी के खिलाफ एक्शन की मांग

अदालत में दोबारा दाखिल की गई याचिका में इमरान के वकील शेराज अहमद रांझा ने कहा कि अदियाला जेल के अधीक्षक ने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया. प्रतिवादी ने जानबूझकर, अदालत के आदेश का उल्लंघन किया है. इमरान खान के वकील ने मांग की है कि जेल अधिकारी के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही शुरू की जानी चाहिए.

नोटिस जारी कर मांगा गया जवाब

आवेदन में यह भी मांग की गई है कि जेल अधीक्षक को इमरान और उनके बेटों के बीच तुरंत फोन कॉल की व्यवस्था करने का निर्देश दिया जाए. याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश जुल्करनैन ने अदियाला जेल अधीक्षक को नोटिस जारी किया और याचिका पर जवाब मांगा है. 

एक से छूटे तो दूसरे मामले में गिरफ्तार

बता दें कि 71 साल के इमरान खान को 26 सितंबर को अटक जेल से रावलपिंडी की अदियाला जेल में ट्रांसफर किया गया था. इमरान को तोशखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद 5 अगस्त को गिरफ्तारी के बाद सबसे पहले अटक जेल ही लाया गया था. हालांकि, बाद में इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने उनकी सजा को निलंबित कर दिया था, लेकिन इसके बाद उन्हें सिफर मामले में गिरफ्तार कर लिया गया और न्यायिक रिमांड पर अटक जेल में रखा गया.

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