scorecardresearch
 

ICJ का फैसला मानने से PAK का इनकार, कहीं खेल के पीछे 'चीनी' मदद तो नहीं?

पाकिस्तान के पीछे चीन खड़ा है और भारत के लिए अगर ये सबसे मुश्किल सबब है तो पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी ताकत है, क्योंकि इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के फैसले को जिस तरह पाकिस्तान ने बिना देर किए खारिज किया उसने नया सवाल तो ये खड़ा कर ही दिया है कि क्या आईएसजे के फैसले को ना मान कर पाकिस्तान यूएन में जाना चाहता है.

Advertisement
X
नवाज शरीफ - शी जिनपिंग
नवाज शरीफ - शी जिनपिंग

Advertisement

पाकिस्तान के पीछे चीन खड़ा है और भारत के लिए अगर ये सबसे मुश्किल सबब है तो पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी ताकत है, क्योंकि इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के फैसले को जिस तरह पाकिस्तान ने बिना देर किए खारिज किया उसने नया सवाल तो ये खड़ा कर ही दिया है कि क्या आईएसजे के फैसले को ना मान कर पाकिस्तान यूएन में जाना चाहता है. यूएन में चीन के वीटो का साथ पाकिस्तान को मिल जाएगा, जैसे जैश के मुखिया मसूद अजहर पर वीटो पर चीन ने बचाया.

जाहिर है चीन के लिए पाकिस्तान मौजूदा वक्त में स्ट्रेटजिक पार्टनर के तौर पर सबसे जरूरी है और भारत चीन के लिए चुनौती है और ध्यान दें तो कश्मीर में आतंकवाद से लेकर इकोनॉमिक कॉरीडोर तक में जो भूमिका चीन पाकिस्तान के साथ खड़ा होकर निभा रहा है, उसमें जाधव मामले में भी चीन पाकिस्तान के साथ खड़ा होगा, इनकार इससे भी नहीं किया जा सकता. लेकिन जाधव मामले में पाकिस्तान का साथ देना चीन को भी कटघरे में खड़ा सकता है, क्योंकि मौजूदा वक्त में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के 15 जजों की कतार में चीन के भी जज जियू हनक्वीन भी हैं और फैसला सुनाते हुए दो बार रोनी अब्राहम ने सर्वसम्मति से दिए जा रहे फैसले का जिक्र किया.

Advertisement

एक तरफ चीन के जज अगर फैसले के साथ है तो फिर मामला चाहे यूएन में चला जाए. वहां चीन कैसे पाकिस्तान के लिए वीटो कर सकता है. लेकिन ये तभी संभव है कि जब चीन भी जाधव मामले पर आईएसजे के फैसले को सिर्फ कानूनी फैसला माने.

हालांकि सच उल्टा है. कोर्ट का फैसला भारत पाकिस्तान के संबंधों के मद्देनजर सिर्फ कानून तक सीमित नहीं है और चीन का पाकिस्तान के साथ खड़े होना या भारत के खिलाफ जाना कानूनी समझ भर नहीं है, बल्कि राजनयिक और राजनीति से आगे न्यू वर्ल्ड ऑर्डर को ही चीन जिस तरह अपने हक में खड़ा करना चाह रहा है उसमें भारत के लिए सवाल पाकिस्तान नहीं बल्कि चीन है, जिससे टकराये बगैर पाकिस्तान के ताले की चाबी भी नहीं खुलेगी ये भी सच है.

Advertisement
Advertisement