पाकिस्तान में मानवाधिकारों से जुड़े एक संगठन ने देश के सुरक्षा तंत्र को आगाह किया है कि बलूचिस्तान में असंतोष की आवाजों को ताकत के जरिए दबाना बहुत भारी पड़ सकता है.
सिंध के मानवाधिकार आयोग के उपाध्यक्ष असद बट ने एक वीडियो संदेश में कहा है- "लोगों को अगवा किया जा रहा है, मारा जा रहा है और शवों को बलूचिस्तान में दफनाया जा रहा है. उन्हें (सुरक्षा बल) समझ आता नहीं दिख रहा. हम सरकारी संस्थानों और एजेंसियों से अपील करते हैं कि अगर कोई अपराध करता है तो उसे कानूनी व्यवस्था के हवाले किया जाए, उन्हें अदालतों में पेश किया जाए."
ये वीडियो संदेश बलोच छात्रों के धरना प्रदर्शन के बाद आया है. इन छात्रों का दावा है कि उनके एक साथी शबीर बलोच को गैर कानूनी ढंग से गिरफ्तार किया गया. बलोच स्टडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (आजाद) के सूचना सचिव शबीर बलोच उसी के बाद से लापता हैं. बीते हफ्ते से प्रदर्शनकारी शबीर की तत्काल रिहाई की मांग कर रहे हैं. पिछले सप्ताहांत पर वे कराची आर्ट्स काउंसिल पर एकत्र हुए और प्रेस क्लब तक मार्च निकाला था. प्रदर्शनकारियों ने हाथों में शबीर बलोच की तस्वीरें और बैनर थाम रखे थे. आरोप है कि शबीर बलोच को 4 अक्टूबर को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने अगवा कर लिया था.
असद बट ने वीडियो संदेश में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों को चेताते हुए कहा, "जिस तरह शबीर बलोच लापता हुआ, उससे तुम्हें लोगों से नफरत के सिवा कुछ नहीं मिलेगा. हम चिंतित हैं और शबीर बलोच की बिना किसी विलंब तत्काल रिहाई चाहते हैं."
क्वेटा प्रेस क्लब में भी इस सिलसिले में विरोध मार्च किया गया. मानवाधिकार कार्यकर्ता और 'वॉयस फॉर बलोच मिसिंग पर्सन्स' (VBMP) के प्रमुख नसरूल्ला बलोच और उनके साथी मामा कदीर बलोच ने भी क्वेटा में विरोध मार्च में हिस्सा लिया.
बलोच स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (आजाद) के सदस्य लतीफ जोहार ने शबीर बलोच को अगवा किए जाने के मामले पर विश्व समुदाय से संज्ञान लेने की अपील की है. बता दें कि शबीर बलोच ने बलोचिस्तान में चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरि़डोर के खिलाफ अभियान की अगुआई की थी. शबीर ने ग्वादर पोर्ट को सैन्य तैनाती के लिए चीन को दिए जाने का भी पुरजोर विरोध किया था.
शबीर बलोच मानवाधिकार संस्थाओं तक उस दमन चक्र की जानकारी पहुंचाते रहे हैं जो पाकिस्तान पॉवर सेंटर्स की ओर से बलूचिस्तान में चलाया जाता रहा है. इसमें लोगों को जबरन लापता किए जाना, न्यायिक क्षेत्र के अधिकार को धता बताते हुए हत्याएं और नागरिकों के खिलाफ अपराध शामिल हैं.