पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने उन खबरों को खारिज किया है, जिनमें कहा जा रहा है कि वह पद पर रहते हुए पूर्व सेनाध्यक्ष कमर जावेद बाजवा को बॉस बुलाते थे. खान ने साफ किया कि प्रधानमंत्री पद के कार्यकाल के दौरान मैंने कभी बाजवा को बॉस नहीं कहा.
इमरान खान (70) ने लाहौर के जमान पार्क में अपने निवास स्थान पर यूट्यूबर्स के एक समूह को संबोधित करते हुए कहा कि मैं क्यों उन्हें (बाजवा) बॉस कहूंगा. दरअसल उनसे एक पत्रकार ने यहां इस बारे में सवाल किया था, जिसका जवाब देते हुए उन्होंने यह सफाई दी. उन्होंने कहा कि मैंने कभी पूर्व सेनाध्यक्ष को बॉस नहीं कहा.
हमारी पार्टी को अथाह सपोर्ट
इमरान खान ने कहा कि बीते सात महीनों में क्या हुआ? क्या हमारी पार्टी टूटी? आज हमारी पार्टी के पास इतना समर्थन है, जितना इतिहास में किसी भी पार्टी के पास नहीं रहा. यहां तक कि भुट्टो के पास भी उतना समर्थन नहीं था, जितना हमारी पार्टी के पास है.
खान ने बाजवा पर डबल गेम खेलने का भी आरोप लगाया है. उन्होंने बाजवा पर उनकी सरकार के साथ डबल गेम खेलने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने 2019 में बाजवा का कार्यकाल बढ़ाकर बहुत बड़ी गलती की थी.
बता दें कि बाजवा (61) का सेनाध्यक्ष कार्यकाल तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने तीन साल के लिए बढ़ा दिया था. बाजवा बीते महीने 29 नवंबर को ही पद से रिटायर हुए हैं.
खान ने दावा किया था कि उन्हें खुफिया ब्यूरो (आईबी) से रिपोर्ट्स मिली थी कि उनकी सरकार के खिलाफ डबल गेम खेला जा रहा है. उन्होंने कहा कि मेरी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए उस समय सेना नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग के संपर्क में थी. ये लोग मिलकर षडयंत्र रच रहे थे.
खान ने कहा था कि जब भी मैं जनरल बाजवा से सरकार के तख्तापलट को लेकर बात करता था. वह कहते थे कि सरकार का गिरना संभव नहीं है. वह कहते थे कि हमें देश में निरंतरता (Sustainability) चाहिए. मैंने अपने वित्त मंत्री शौकत तारिन को उनके पास भेजा था, जो लगभग दो घंटे तक उन्हें समझाते रहे कि सरकार गिरने का क्या-क्या खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. लेकिन उस समय सेना प्रमुख विपक्षी पार्टियों से डील कर रहे थे जबकि दूसरी तरफ मुझे राजनीतिक समर्थन का आश्वासन दे रहे थे.