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PAK के लिए 'दोस्त' से 'दुश्मन' बनी तालिबान सरकार, काबुल पर कब्जे के बाद 60% बढ़ गए आतंकी हमले

पाकिस्तान के कार्यवाहक पीएम अनवारुल हक काकर ने बुधवार को कहा कि पड़ोसी अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों में 60% और आत्मघाती बम धमाकों में 500% की वृद्धि हुई है. इतना ही नहीं काकर ने आतंकवाद के लिए अपनी धरती का इस्तेमाल करने से रोकने में काबुल की विफलता पर अफसोस जताया.

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तालिबान ने 15 अगस्त 2021 में काबुल पर कब्जा कर लिया था.
तालिबान ने 15 अगस्त 2021 में काबुल पर कब्जा कर लिया था.

15 अगस्त 2021... वो दिन जब तालिबान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा किया था. तब सबसे पहले अफगानिस्तान के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने काबुल पर तालिबान के कब्जे का स्वागत किया था. तत्कालीन इमरान सरकार ने तो तालिबान के लड़ाकों को पाकिस्तान का दोस्त बताया था. लेकिन अब पाकिस्तान अपने उन्हीं 'दोस्तों' को अपना दुश्मन बता रहा है. 

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पाकिस्तान के कार्यवाहक पीएम अनवारुल हक काकर ने बुधवार को कहा कि पड़ोसी अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों में 60% और आत्मघाती बम धमाकों में 500% की वृद्धि हुई है. इतना ही नहीं काकर ने आतंकवाद के लिए अपनी धरती का इस्तेमाल करने से रोकने में काबुल की विफलता पर अफसोस जताया. इतना ही  कार्यवाहक पीएम ने दावा किया कि अमेरिकी सैनिकों के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद अब आतंकी उनके हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं.

पीएम अनवारुल हक काकर ने कहा, अगस्त 2021 में अंतरिम अफगान सरकार की स्थापना के बाद, हमें पूरी उम्मीद थी कि अफगानिस्तान में शांति स्थापित होगी. काकर ने कहा, पाकिस्तान-विरोधी संगठन खासकर तहरीक-ए-तालिबान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.  
 
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की जमीन से TTP के हमलों में दो साल में 2267 लोगों की मौत हुई है. इन हमलों में 15 अफगान नागरिकों की भी मौत हुई है. इसके अलावा, आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान पाकिस्तान की एजेंसियों से लड़ते हुए अब तक 64 अफगान नागरिक मारे गए हैं. 
 
काकर ने कहा, हमने हमलों के सबूत अफगान सरकार को सौंपे. तालिबान के आश्वासन के बावजूद टीटीपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. काकर का ये बयान ऐसे वक्त पर आया जब पिछले हफ्ते पंजाब के मियांवाली ट्रेनिंग एयर बेस पर आतंकी हमला हुआ था, इसकी जिम्मेदारी तहरीक-ए-जिहाद पाकिस्तान ने ली थी. 

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वहीं, पाकिस्तान से अवैध शरणार्थियों (जिनमें ज्यादातर अफगानी हैं) को बाहर करने के सवाल पर पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कार्रवाई पाक की आतंरिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए की गई. 
 
उन्होंने कहा, पाकिस्तान की हालिया कार्रवाई न तो आश्चर्यजनक है और न ही अप्रत्याशित है. पाकिस्तान में अशांति फैलाने में अवैध अप्रवासियों की बहुत बड़ी भूमिका है, यही कारण है कि पाकिस्तान राज्य ने उन्हें 1 नवंबर से उनके देशों में वापस भेजने का फैसला किया है. विदेशियों को वापस भेजना देश के अधिकार में है. अफगान नेताओं की आलोचना को नावश्यक, गैरजिम्मेदार, भ्रामक और धमकी भरा बताते हुए उन्होंने कहा कि 'निवास प्रमाण' कार्ड से रजिस्टर्ड 14 लाख अफगान शरणार्थियों और अफगान नागरिक कार्ड के तहत रजिस्टर्ड 8 लाख शरणार्थियों को पाकिस्तान से बाहर नहीं किया जाएगा. 

अमेरिका के बने हथियार इस्तेमाल कर रहे आतंकी- PAK पीएम 

पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधान मंत्री अनवर-उल-हक काकर ने कहा कि आतंकवादी उनके देश के खिलाफ अमेरिकी निर्मित हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं. काकर का ये दावा अमेरिका के यह कहने के एक दिन बाद कि अफगानिस्तान से वापसी के दौरान उसने कोई हथियार नहीं छोड़ा था.  

काकर ने कहा,   अमेरिकी निर्मित हथियार न केवल पाकिस्तान में बल्कि पूरे क्षेत्र के साथ-साथ खाड़ी देशों में भी ब्लैक मार्केट में बेचे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद पाकिस्तान में आतंकवाद के लिए इस्तेमाल किए जा रहे अमेरिका के हथियारों के संबंध में अपने रुख पर कायम है. 

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