पाकिस्तान ने यूएन असेंबली में एकबार फिर कश्मीर मुद्दा उठाया है. यूएन असेंबली में बोलते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कश्मीर में जनमत संग्रह की मांग करते हुए कहा कि वहां के लोगों को न्याय मिलना चाहिए.
नवाज शरीफ ने कहा, 'पड़ोसी मुल्क के साथ शांति हमारी प्राथमिकता है. हम भारत की ओर से विदेश सचिव स्तरीय वार्ता रद्द किए जाने से निराश हुए. कश्मीर के लोगों ने बहुत कुछ झेला है, खासकर महिलाओं पर बहुत जुल्म हुए हैं. कश्मीर में जनमत संग्रह होना चाहिए.'
शरीफ ने कहा, 'बातचीत से ही हर मुद्दा सुलझेगा, कश्मीर मुद्दे को शांति के साथ सुलझाया जाना चाहिए. पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे पर बातचीत करने के लिए राजी है.' इससे पहले शुक्रवार को ही भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि पिछले महीने इस्लामाबाद में भारत पाकिस्तान के विदेश सचिवों की निर्धारित मुलाकात से कुछ दिन पहले हुर्रियत नेताओं के साथ बातचीत करके पाक ने ‘वार्ता पर पानी फेर दिया.’
सुषमा स्वराज ने जारी यूएन असेंबली के सत्र से अलग इब्सा (आईबीएसए) के विदेश मंत्रियों के साथ अपनी मुलाकात के बाद कहा कि नई (नरेंद्र मोदी) सरकार ने एक नया संकेत दिया है. इसलिए उन्होंने (पाकिस्तान ने) वार्ता पर पानी फेर दिया और पूरा खेल बिगाड़ दिया.
विदेश मंत्री से पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज के इस बयान पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया कि दोनों देशों के बीच बातचीत तब ही हो सकती है जब नई दिल्ली पहल करे क्योंकि यह भारत ही था जिसने 25 अगस्त को होने वाली वार्ता रद्द की थी.
सुषमा ने कहा था कि पहले और दूसरे का सवाल नहीं है. जहां तक हमारी प्रतिक्रिया का सवाल है तो हमने बार बार कहा कि अगर कोई प्रतिक्रिया आनी है तो इसी समय आए. हमारी तरफ से पहल की गई थी.