पाकिस्तान की एक अदालत ने गुरुवार को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनके बेटे हमजा शहबाज को एक अहम फैसले में आठ साल पुराने भ्रष्टाचार के मामले में बरी कर दिया. अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता ने खुद को इससे अलग कर लिया था. इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अदालत के न्यायाधीश सरदार मुहम्मद इकबाल ने फैसला सुनाया, जिसे सोमवार को सुरक्षित रख लिया गया था.
न्यूज एजेंसी की खबर के मुताबिक अदालत के एक अधिकारी ने कहा कि लाहौर की एक भ्रष्टाचार निरोधक अदालत ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनके बेटे पंजाब (पाकिस्तान) के पूर्व मुख्यमंत्री हमजा शहबाज को रमजान शुगर मिल्स भ्रष्टाचार मामले में बरी कर दिया है. वही शिकायतकर्ता जुल्फिकार अली ने न्यायाधीश से कहा कि उन्होंने न तो शरीफ के खिलाफ शिकायत दर्ज की है और न ही उन्हें उस आवेदन के बारे में कुछ पता है जिस पर कोर्ट में मामला शुरू किया गया था.
राष्ट्रीय खजाने का दुरुपयोग करने का आरोप लगा था
एक राजनीतिक विश्लेषक ने बताया कि शिकायतकर्ता के बयान से यह स्पष्ट होता है कि सैन्य प्रतिष्ठान किस तरह राजनेताओं को विभिन्न मामलों में फंसा देता है, खासकर के तब जब वे नेता सैन्य प्रतिष्ठान का विरोध कर रहे होते हैं, लेकिन जैसे ही ये राजनेता सैन्य प्रतिष्ठान के पक्ष में आ जाते हैं या उनकी तो उनके खिलाफ दर्ज खत्म कर दिए जाते हैं.
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लगभग सात साल पहले वर्ष 2018 में NAB ने अधिकार के दुरुपयोग से राष्ट्रीय खजाने का 200 मिलियन पाकिस्तानी रुपया (PKR) से अधिक का नुकसान पहुंचाने के लिए शरीफ और हमजा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
पहले भी उच्च न्यायालय ने राहत दी थी
हमजा और उनके छोटे भाई सुलेमान पंजाब (पाकिस्तान) में रमज़ान चीनी मिल के मालिक हैं और यह आरोप लगाया गया था कि उस समय पंजाब के मुख्यमंत्री होने के नाते शरीफ ने मुख्य रूप से उनकी मिलों के उपयोग के लिए चिनियट जिले में एक ड्रेनेज के निर्माण का निर्देश जारी किया था.
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बता दें कि शरीफ और हमजा को 2018 और 2019 में गिरफ्तार किया गया था. हालाँकि, बाद में उन्हें लाहौर उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी थी.