पाकिस्तान के प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर जियारत के लिए शनिवार को भारत आएंगे. हालांकि इस दौरे पर आधिकारिक बैठक को लेकर अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है.
सोलह मार्च को उनकी सरकार का कार्यकाल पूरा होने से पहले अशरफ का यह संभवत: अंतिम विदेशी दौरा होगा. राजनयिक एवं अन्य सूत्रों ने कहा कि नौ मार्च को एकदिवसीय दौरे के लिए तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है.
सूत्रों के मुताबिक भारतीय नेताओं के साथ आधिकारिक बैठक को लेकर अब तक कोई फैसला नहीं किया गया है. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री अगामी चुनावों में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की सफलता के लिए अजमेर में दरगाह पर जियारत करना चाहते हैं.
पीपीपी प्रमुख और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने पिछले साल अप्रैल में अजमेर स्थित प्रसिद्ध मजार पर जियारत के लिए भारत का एकदिवसीय दौरा किया था. उन्होंने दरगाह को 10 लाख डालर का दान भी दिया था.
जरदारी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ दोपहर भोज पर बैठक भी की थी. प्रधानमंत्री अशरफ के अजमेर स्थित दरगाह के पीर बिलाल चिश्ती से करीबी रिश्ते हैं. चिश्ती ने अशरफ से पिछले साल दिसंबर और अगस्त में इस्लामाबाद में मुलाकात की थी. अगस्त में बैठक के दौरान चिश्ती ने प्रधानमंत्री को अजमेर के दौरे के लिए आमंत्रित किया था. अशरफ ने आमंत्रण स्वीकार किया था और कहा था कि वह मौका मिलने पर अजमेर का दौरा करेंगे.