आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की ओर से दोहरा रवैया जारी है. पाकिस्तान सरकार ने आतंकवादी और मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड माने जाने वाले हाफिज सईद की अगुवाई वाले संगठन जमात-उद-दावा पर प्रतिबंध लगाने से फिर इंकार किया है.
पाकिस्तान के प्रांतीय और सीमांत मामलों के मंत्री रिटायर्ड जनरल अब्दुल कादिर बलोच ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक प्रस्ताव में जमात-उद-दावा को एलईटी के नए नाम से सूचीबद्ध किया है लेकिन इनके संबंधों को साबित करने वाला कोई सबूत पाकिस्तान के साथ साझा नहीं किया गया है.
टालमटोल भरा रवैया
गौरतलब है कि मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड हाफिज सईद जमात-उद-दावा का मुखिया है. इसके बावजूद पाकिस्तान का कहना है कि उसके पास लश्कर-ए-तैयब्बा और आतंकवाद के बीच संपर्क के कोई सबूत नहीं है. अब्दुल कादिर बलोच ने पाकिस्तान की संसद में ये बयान दिया.
सबूत नहीं होने का बहाना
बलोच ने कहा कि जमात-उद-दावा पर नवंबर 2013 से एजेंसियों की ओर से नजर रखी जा रही है, लेकिन आतंकवाद-रोधी एक्ट के तहत किसी संगठन के खिलाफ तभी कार्रवाई की जा सकती है जब आतंकवाद से उसके संपर्क के कोई सबूत मौजूद हों.गौरतलब है कि जमात-उद-दावा संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध है और अमेरिकी सरकार ने भी इसके मुखिया हाफिज सईद पर 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर का इनाम घोषित किया हुआ है.
भारत पेश करता रहा है सबूत
इसके बावजूद जमात-उद-दावा पूरे पाकिस्तान में अपना काम संचालित कर रहा है. मुंबई हमलों में लश्कर की संलिप्तता के सबूत भारत लगातार पेश करता रहा है. बावजूद इसके पाकिस्तान आतंकवादी तत्वों पर लगाम गाने में आनाकानी कर रहा है. हाफिज सईद पर पाकिस्तान का ये नया बयान आतंकवाद के खिलाफ टालमटोल के उसके इसी रवैये का परिचायक है.