पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट आज पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ समेत अन्य राजनेताओं की आजीवन अयोग्यता के मामले में सुनवाई करेगा, जिसमें अन्य बातों के अलावा, नवाज शरीफ के भविष्य का भी फैसला होगा. जो फरवरी में होने वाले आम चुनाव में प्रधानमंत्री के रूप में रिकॉर्ड चौथे कार्यकाल पर नजर बनाए हुए हैं.
मुख्य न्यायाधीश काजी फैज ईसा की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय पीठ संविधान के अनुच्छेद 62(1)(एफ) के तहत अयोग्यता की अवधि और चुनाव अधिनियम 2017 में किए संशोधन से जुड़े विवादों का एक बार और फैसला करेगी.
पिछले साल हुआ था कानूनों में बदलाव
शीर्ष अदालत की पांच सदस्यीय पीठ ने 2018 के फैसले में कहा था कि अनुच्छेद 62 (आई) (एफ) के तहत अयोग्यता जीवन भर के लिए थी, लेकिन पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज पीएमएल-एन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार द्वारा पिछले साल 26 जून को चुनाव अधिनियम 2017 में बदलाव किए गए थे और शहबाज शरीफ सरकार ने अयोग्य राजनेताओं के लिए सिर्फ पांच साल की सजा तय की थी. अब अयोग्यता की अवधि को लेकर विवाद आज सुप्रीम कोर्ट निपटारा कर सकता है.
इस मामले में अयोग्य घोषित हुए थे नवाज
पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को 2017 में पनामा पेपर्स मामले में अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जिसके बाद से वह राजनीति से बाहर हो गए थे. लेकिन पिछले साल उनकी पार्टी की सरकार ने कानून में बदलाव कर चुनावों में नवाज शरीफ के शामिल होने के रास्ते खोल दिए थे. उनके प्रतिद्वंद्वी इमरान खान, जिन्हें पिछले साल तोशाखाना मामले में अयोग्य ठहराया गया था. उन पर भी इसी कानून की मार पड़ी थी.
ये मामला सुप्रीम कोर्ट के उस वक्त सामने आया, जब सरदार मीर बादशाह खान कैसरानी द्वारा दायर एक याचिका की सुनवाई के दौरान यह विवाद सामने आया था, उन्होंने साल 2008 और 2018 के चुनावों में निर्वाचन क्षेत्र में एनए-189 और पीपी-240 तौंसा (डेरा गाजी खान) से नामांकन पत्र दाखिल किया था. पर फर्जी स्नातक डिग्री पेश करने के कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
कमियां दूर को बनाई थी एक समिति
सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि आजीवन अयोग्यता पर शीर्ष अदालत का फैसला और चुनाव अधिनियम, 2017 में किए गए संशोधन एक साथ नहीं रह सकते. उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट की व्याख्या और कानून में विसंगतियों के वजह से आगामी आम चुनावों में भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है. इसके बाद अदालत ने इस मामले को समिति के पास भेज दिया, जहां से इसमें कमियों को दूर करने के लिए एक सात सदस्यीय पीठ किया.
ये पीठ नवाज शरीफ और इमरान खान के साथ-साथ कई अन्य राजनेताओं का भविष्य भी तय करेगी. हालांकि, इमरान खान का मामला अलग है क्योंकि, उनकी अयोग्यता को अंतिम रूप नहीं दिया गया है. क्रिकेटर से नेता बने इमरान की अयोग्यता के खिलाफ अपील अभी भी लंबित है.