कुलभूषण जाधव मामले में हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत (ICJ) ने पाकिस्तान के दावों को खारिज करते हुए जाधव की फांसी पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद से पाकिस्तान में खलबली मची हुई है. जाधव मामले में करारी मात खाने के बाद बुरी तरह घिरी पाकिस्तान सरकार ने नई लीगल टीम गठित करने की घोषणा की है, जो सिर्फ जाधव की पैरवी ही नहीं करेगी, बल्कि कश्मीर राग भी अलापेगी. वहीं, पाकिस्तान में जाधव की ओर से दया याचिका दाखिल करने का आज आखिरी दिन है.
इस टीम में ICJ के एडहॉक जज को भी शामिल किया जा रहा है. पाकिस्तान की सैन्य अदालत के फैसले के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अदालत की ओर से जाधव की फांसी पर रोक लगाने के बाद से पाकिस्तान सरकार मीडिया और विपक्ष के निशाने पर है. लिहाजा अंतरराष्ट्रीय अदालत के फैसले से हताश पाकिस्तान सरकार अब जाधव मसले की पैरवी के लिए मजबूत लीगल टीम बनाने में जुट गई है.
पाकिस्तानी सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान की इस लीगल टीम का मकसद सिर्फ जाधव मामले की पैरवी करना ही नहीं, बल्कि कश्मीर, सिंधु जल समझौता, एलओसी और मानवाधिकारों उल्लंघन मामले को भी उठाना है. यह लीगल टीम कश्मीर, सिंधु जल समझौता, एलओसी और मानवाधिकारों के मुद्दे पर भारत को घेरने की कोशिश करेगी. कानूनी विशेषज्ञों ने नई लीगल टीम में इनको शामिल करने का सुझाव दिया है.
पाकिस्तान की नई लीगल टीम में ये होंगे शामिल
1. पाकिस्तान के पूर्व मुख्य न्यायाधीश तस्सदुक हुसैन जिलानी
2. यूएन मानवाधिकार काउंसिल एडवाइडरी कमेटी के सदस्य अहमीर बिलाल सूफी
3. ICJ के पूर्व न्यायाधीश ब्रूनो सिम्मा (जर्मन जूरिस्ट). पाकिस्तान ने सिंध जल समझौते किशन गंगा मध्यस्थता के लिए सिम्मा को
मध्यस्थ भी बनाया था.
इन नामों के अलावा पाकिस्तान जाधव मसले की पैरवी के लिए विदेशी वकीलों को भी हायर करने की कोशिश में है. पाकिस्तान का दावा है कि उसके पास कश्मीर मसले से ध्यान भटकाने की भारत की कोशिश को उजागर करने के सबूत हैं. मामलू हो कि ICJ में जाधव मामले की पैरवी करने वाले पाकिस्तानी वकील खैबर कुरैशी की क्षमता पर सवाल उठ रहे हैं, जिसके चलते पाकिस्तान सरकार ने नई टीम गठित करने का फैसला लिया है.