पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने पिछले साल 16 दिसंबर को पेशावर के सैन्य स्कूल पर हुए आतंकवादी हमले के बाद देश में मृत्युदंड पर लगा प्रतिबंध हटाने के बाद से अब तक 65 सजायाफ्ता कैदियों की दया याचिका खारिज कर दी. इस बीच, कई सजायाफ्ता कैदियों को फांसी दी जा चुकी है.
समाचार पत्र 'डॉन' की वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में पिछले छह महीने के भीतर करीब 150 अपराधियों को फांसी दी जा चुकी है.
रमजान में टाल दी गई फांसी
रिपोर्ट के मुताबिक, जिन कैदियों की दया याचिका ठुकराई गई है, उनमें लाहौर की कनीजान बीबी नाम की एक महिला भी शामिल है, जिसे हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया है. इन कैदियों की दया याचिका सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दी है और इन्हें रमजान के बाद फांसी दी जाएगी.
पाकिस्तान सरकार ने 13 जून को रमजान के कारण कैदियों को फांसी दिए जाने पर तत्काल रोक लगा रखी है. मृत्युदंड के सजायाफ्ता कैदियों को ईद-उल-फितर के बाद फांसी दी जाएगी.
पेशावर स्कूल पर हमले के बाद से हटी फांसी पर रोक
उल्लेखनीय है कि 16 दिसंबर 2014 को पेशावर के एक सैन्य स्कूल में तालिबान आतंकवादियों के हमले के बाद प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आतंकवाद संबंधी अपराधों में मृत्युदंड पर लगा प्रतिबंध हटा दिया था. इस हमले में 140 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें अधिकतर स्कूली बच्चे थे.
बाद में सरकार ने 10 मार्च को सभी अपराधों के लिए मृत्युदंड पर से प्रतिबंध हटा दिया था.
- इनपुट IANS