पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है. तोरखम बॉर्डर पर हुई फायरिंग को लेकर दोनों देश एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. जहां अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने पाकिस्तान पर सुरक्षा चौकी की मरम्मत कर रहे अफगान सुरक्षा बलों पर फायरिंग का आरोप लगाया. तो वहीं, अब पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर अकारण अंधाधुंध गोलीबारी का आरोप लगाया. इतना ही नहीं खुद आतंकियों को पनाह देने वाला पाकिस्तान अफगानिस्तान पर आतंकियों का पनाहगाह होने का आरोप लगा रहा है. उधर, तालिबान बातचीत से समस्याओं को हल करने पर जोर दे रहा है.
पाकिस्तान और अफगानिस्तान बॉर्डर को दोनों देशों के सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी के बाद पिछले हफ्ते बंद कर दिया गया था. इसके चलते सामान से लदे सैकड़ों वाहन बॉर्डर पर खड़े हैं. इतना ही लोगों को भी इस पार से उस पार जाने आने में परेशानी हो रही है.
क्यों हुई थी फायरिंग?
तोरखम बॉर्डर दोनों देशों के बीच कारोबार का मुख्य इलाका है. तोरखम बॉर्डर से ही दोनों देशों के लोग आना-जाना करते हैं. तालिबान सरकार पाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर पर अपनी तरफ बंकर का निर्माण करा रही है. पाकिस्तान ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई थी. इतना ही नहीं पाकिस्तानी सेना ने जब निर्माण बंद करने के लिए कहा तो दोनों देशों के जवान आमने सामने आ गए. इस दौरान फायरिंग भी हुई थी. इसके बाद पाकिस्तान ने तोरखम बॉर्डर बंद कर दिया.
फायरिंग पर पाकिस्तान का आया बयान
पाकिस्तानी विदेश विभाग की ओर से सोमवार को जारी बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान अपने क्षेत्र के अंदर अंतरिम अफगान सरकार द्वारा किसी भी संरचना के निर्माण को स्वीकार नहीं कर सकता क्योंकि यह उसकी संप्रभुता का उल्लंघन है. विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा, 6 सितंबर को जब अफगान सैनिकों को गैरकानूनी संरचनाएं बनाने से रोका गया, तो शांतिपूर्ण समाधान के बजाय अफगान सैनिकों ने अंधाधुंध गोलीबारी की और पाकिस्तानी सैन्य चौकियों को निशाना बनाया. तोरखम सीमा टर्मिनल पर बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया और पाकिस्तानी और अफगान नागरिकों दोनों के जीवन को खतरे में डाल दिया.
उन्होंने कहा, पाकिस्तानी सीमा चौकियों पर इस तरह की अंधाधुंध गोलीबारी को किसी भी परिस्थिति में उचित नहीं ठहराया जा सकता है. अफगान सीमा सुरक्षा बलों की अकारण गोलीबारी से आतंकवादी तत्वों का हौसला लगातार बढ़ता जा रहा है.
अफगानिस्तान ने विवाद के लिए पाकिस्तान को ठहराया जिम्मेदार
इससे पहले अफगानिस्तान ने फायरिंग के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया था. अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि इन कार्रवाइयों से दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों को नुकसान हो सकता है और दोनों पक्षों के व्यापारियों को नुकसान हो सकता है. इतना ही नहीं अफगान मंत्रालय ने एक घटना जिक्र किया, जहां अफगानिस्तान से अंजीर भारत ले जा रहे एक ट्रक को बलूचिस्तान प्रांत में एक सुरक्षा चौकी के पास आग लगा दी गई थी. मंत्रालय ने कहा, ऐसी घटनाओं से दोनों देशों के बीच अविश्वास पैदा हो सकता है.
तालिबान ने कहा था कि ऐसे कदम पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाते हैं और क्षेत्रीय वाणिज्यिक गतिविधियों को प्रभावित करते हैं. मंत्रालय ने अपनी विदेश नीति पर विचार करते हुए राजनयिक बातचीत से समस्याओं को हल करने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया.
तालिबान में गुटबाजी, अफगानिस्तान में गृह युद्ध की स्थिति- पूर्व कमांडर
अफगानिस्तान के पूर्व कमांडर ने कहा कि अमेरिकी सेना के दो साल पहले अचानक काबुल छोड़ने के बाद देश में गृहयुद्ध की स्थिति पैदा हो रही है. तालिबान अब गुटबाजी से पीड़ित है और यह तेजी से विदेशी आतंकवादियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बनता जा रहा है. 2021 में कब्जे के दौरान सेना के चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल हिबतुल्लाह अलीजई ने पीटीआई से बातचीत में कहा, मेरा मानना है कि अफगानिस्तान में स्थिति बहुत गंभीर और खतरनाक है और यह एक खतरनाक दिशा की तरफ बढ़ रही है. इस स्थिति में अफगानिस्तान में गृह युद्ध या फिर देश विभाजित हो सकता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि बीते दो सालों में इस पर आतंकवादियों का नियंत्रण रहा है और इसका शासन उन्हीं के हाथों में है.