पाकिस्तान में लगातार अल्पसंख्यकों पर जुल्म ढहाया जा रहा है. कभी हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमला तो कभी बलूचों पर कहर बरपाना. अब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में एक 70 साल पुरानी अहमदी मस्जिद को गिरा दिया गया है. अहमदी समुदाय के लोगों ने इस बारे में जानकारी दी है. बता दें कि इस समुदाय के लोगों को पाकिस्तान में गैर-मुस्लिम घोषित किया गया था.
साल 1974 में पाकिस्तानी संसद में अहमदी समुदाय के लोगों पर ये प्रस्ताव पारित किया गया था. इन सभी के मक्का-मदीना जाने पर भी रोक लगी हुई है. अहमदी समुदाय के प्रवक्ता सलीमुद्दीन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि लाहौर से करीब 400 किमी. दूर बहावलपुर में दशकों पुरानी मस्जिद थी, जिसे ढहाया गया है.
70-year-old Ahmadi mosque in Bahawalpur vandalised, in an operation led by assistant commissioner Hasilpur. The mirhab and others parts of the building damaged. Local Ahmadis who filmed the desecration arrested and charged. While those who attacked walk away with pride. pic.twitter.com/TIP4VktPQ7
— Naila Inayat नायला इनायत (@nailainayat) October 26, 2019
उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि हासिलपुर के असिस्टेंट कमिश्नर ने अपने सहायकों के साथ इस मस्जिद को गिराया. इस बारे में कोई भी नोटिस नहीं दिया गया था. उन्होंने कहा कि समुदाय के लिए एक पूज्य जगह होना जरूरी है. लेकिन उसे इस प्रकार नष्ट कर दिया गया है. इस दौरान वहां मौजूद कुछ लोगों ने इसका वीडियो भी शूट किया, जिन्हें स्थानीय प्रशासन के द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया.
सलीमुद्दीन ने कहा कि मस्जिद गिराने वालों पर तो कोई एक्शन नहीं हुआ लेकिन हमारे समुदाय को ही निशाना बनाया गया. अहमदी समुदाय का आरोप है कि इमरान खान की सरकार में अल्पसंख्यकों पर दबाव बनाया जा रहा है. आखिर इमरान खान का नया पाकिस्तान कहां पर है?
बता दें कि अहमदी समुदाय को लगातार पाकिस्तान में टारगेट किया जा रहा है. इससे पहले पिछले साल भी कुछ अधिकारियों की नियुक्ति को इसलिए रोका गया था क्योंकि वह अहमदी समुदाय से ताल्लुक रखते थे. बता दें कि पाकिस्तान में करीब 10 मिलियन अल्पसंख्यक हैं.
(इनपुट भाषा से)