31 बंदूकों की सलामी के साथ रविवार को पाकिस्तान ने 1965 युद्ध की 50वीं सालगिरह का जश्न मनाया. नमाज भी अदा किए गए और शहीद सैनिकों के लिए मौन भी रखा गया. ये कम था. कसर पूरी करने के लिए पाकिस्तान ने ना सिर्फ भारत पर सीजफायर उल्लंघन करने का आरोप लगाया, बल्कि अंजाम भुगतने की भी धमकी दे डाली.
इस मौके पर पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ ने भी विवादास्पद बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कश्मीर मसला हल हुए बिना इलाके में अमन मुमकिन नहीं है. धमकी भी दी कि आक्रामकता दिखाने पर अंजाम भुगतना होगा.
पाक मंत्री का दावा, 'हारने के बाद भारत ने लिया आतंकवाद का सहारा'
सूचना मंत्री परवेज राशिद ने दावा किया कि पाकिस्तान 1965 के युद्ध के इस दिन को रक्षा दिवस के तौर पर इसलिए मना रहा है क्योंकि भारत आक्रमण के जरिए अपने
उद्देश्यों को पाने में नाकाम रहा. राशिद ने कहा, 'आज हमारे लिए रक्षा दिवस है जबकि भारत के लिए यह आक्रमण दिवस है क्योंकि उसने पाकिस्तान पर हमला किया.'
उन्होंने दावा किया कि युद्ध के मैदान में पाकिस्तान से मिली मात के कारण भारत ने आतंकवाद का सहारा ले लिया है.' उन्होंने कहा, 'भारत युद्ध के जरिए जो नहीं हासिल
कर सका, उसे वह आतंकवाद के जरिए हासिल करना चाह रहा है.'
1965 का युद्ध राष्ट्रीय इतिहास के गौरव का अध्याय
युद्ध में मारे गए करीब 4,000 सैनिकों की याद में पूरे पाकिस्तान में एक मिनट का मौन रखा गया. प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने लाहौर स्थित युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण
किया. पीएम नवाज शरीफ ने कहा, 'आतंकवाद से मुकाबले में राजनीतिक एवं सैन्य नेतृत्व की ओर से दिखाया गया अभूतपूर्व नेतृत्व हमारे राष्ट्रीय इतिहास में एक और
गौरव का अध्याय है.' उन्होंने कहा, 'संप्रभु समानता के आधार पर हम अपने सभी पड़ोसियों के साथ अच्छे और शांतिपूर्ण संबंध चाहते हैं.'
संप्रभुता की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते है: हुसैन
अपने संदेश में राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने कहा, 'कामयाब रहे 'जर्ब-ए-अज्ब' अभियान में पाकिस्तानी सेना ने साबित किया है कि देश की सुरक्षा और वजूद के लिए किसी
भी तरह के खतरे को नाकाम कर दिया जाएगा. पाकिस्तानी राष्ट्र और इसके सशस्त्र बल देश की सीमाओं और इसकी संप्रभुता की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा
सकते हैं.