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आतंकवाद पर PAK के बदले सुर, कहा- US सुबूत दे तो हक्कानी नेटवर्क को कर देंगे तबाह

आसिफ ने कहा है कि अगर अमेरिका इस बात के सबूत दे कि पाकिस्तान के भीतर आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क के सुरक्षित पनाहगाह हैं, तो वह उन्हें तबाह करने के लिए अमेरिका के साथ संयुक्त सैन्य अभियान चलाने के लिए तैयार है.

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पाकिस्तानी पीएम और अमेरिकी राष्ट्रपति
पाकिस्तानी पीएम और अमेरिकी राष्ट्रपति

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अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग पड़ने के बाद आतंकवाद के मसले पर अब पाकिस्तान के सुर बदलने लगे हैं और वह घुटने टेकते नजर आ रहा है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने आतंकवाद के सुरक्षित पनाहगाह को लेकर सफाई दी है. आसिफ ने कहा है कि अगर अमेरिका इस बात के सबूत दे कि पाकिस्तान के भीतर आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क के सुरक्षित पनाहगाह हैं, तो वह उन्हें तबाह करने के लिए अमेरिका के साथ संयुक्त सैन्य अभियान चलाने के लिए तैयार है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की कड़ी निंदा किए जाने के बाद ख्वाजा आसिफ का यह बयान सामने आया है. दरअसल, अगस्त में ट्रंप ने आरोप लगाया था कि पाकिस्तान पिछले 17 साल से आतंक व अराजकता के एजेंटों और अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के दुश्मनों को शरण दे रहा है.

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हाल ही में अमेरिका में ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करके लौटे आसिफ ने एक्सप्रेस न्यूज से कहा, ‘हमने अमेरिकी अधिकारियों को पाकिस्तान में हक्कानी नेटवर्क के सुरक्षित पनाहगाह होने के सबूतों के साथ आने का न्योता दिया है.’ उन्होंने कहा, ‘अगर वे इलाके में हक्कानी नेटवर्क की कोई गतिविधि पाते हैं, तो हमारी सेना अमेरिका के साथ मिलकर उन्हें हमेशा के लिए नष्ट कर देगी.’

विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने इस महीने की शुरुआत में अफगानिस्तान की यात्रा के दौरान राष्ट्रपति अशरफ गनी से मुलाकात करके उनके समक्ष भी ऐसी ही पेशकश की थी.

अमेरिकी आलोचना के संबंध में पूछे जाने पर आसिफ ने कहा, ‘अगर ट्रंप प्रशासन ने हम पर और दबाव डाला, तो मित्र देश खासतौर पर चीन, रूस, ईरान और तुर्की हमारे पक्ष में खड़े होंगे. उन्होंने कहा कि अमेरिकी रक्षा और विदेश मंत्री हम पर तानाशाही करते हैं, तो हम उनकी तानाशाही मानने से इनकार कर देंगे और वो करेंगे जो हमारे देश के हित में होगा.

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