पाकिस्तान में जनरल कमर जावेद बाजवा के बाद अगला आर्मी चीफ कौन बनेगा? इसे लेकर सरकार में ही मतभेद शुरू हो गए हैं. ये मतभेद ऐसे समय शुरू हुए हैं जब एक दिन पहले ही शहबाज शरीफ की सरकार को एक महीना पूरा हुआ है.
दरअसल, पाकिस्तानी सेना के नए प्रमुख के लिए लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद के नाम की चर्चा हो रही है. फैज हमीद जून 2019 से अक्टूबर 2021 तक खुफिया एजेंसी ISI के प्रमुख रहे हैं. अभी वो पेशावर में कोर कमांडर हैं. फैज हमीद को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का करीबी भी माना जाता है. और इसी वजह से नई सरकार में मतभेद शुरू हो गए हैं.
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने कहा कि आर्मी चीफ की कुर्सी पर ऐसे व्यक्ति को होना चाहिए, जो 'निर्दोष' हो. इससे पहले रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने आर्मी चीफ के लिए लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद के नाम का सुझाव दिया था.
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इस हफ्ते एक इंटरव्यू में कहा था कि अगर उनका (फैज हमीद) नाम सीनियॉरिटी लिस्ट में है, तो निश्चित रूप से आर्मी चीफ के लिए उनके नाम पर विचार किया जाएगा.
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मरियम नवाज अक्सर फैज हमीद पर ISI प्रमुख रहते हुए इमरान खान और पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) का समर्थन करने का आरोप लगाती रहीं हैं. हालांकि, सेना अक्सर इन आरोपों को खारिज करती रही है. अब मरियम ने रक्षा मंत्री के सुझाव पर कहा कि देश सेना को पाकिस्तान की एकता और सुरक्षा के तौर पर देखता है, इसलिए ये बहुत जरूरी है कि आर्मी चीफ ऐसा व्यक्ति बने जो बेदाग हो, ताकि लोग उसे सलाम कर सकें.
मौजूदा आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा का कार्यकाल इसी साल नवंबर में खत्म हो रहा है. उनका कार्यकाल नवंबर 2019 में खत्म हो गया था, लेकिन तब के प्रधानमंत्री इमरान खान ने उसे 3 साल के लिए बढ़ा दिया था.
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फैज हमीद को लेकर सरकार में मतभेद?
पिछले हफ्ते ही पंजाब प्रांत के फतेह जंग इलाके में एक रैली में मरियम नवाज ने आरोप लगाते हुए दावा किया था कि इमरान खान ने फैज हमीद का इस्तेमाल अपने विरोधियों का गला घोंटने के लिए किया था.
उन्होंने कहा था, हम जानते हैं कि वो (हमीद) आपके आंख और कान नहीं थे, बल्कि वो आपके हाथ थे, जिसके जरिए आपने अपने राजनितिक विरोधियों का गला घोंट दिया था. इससे पहले मरियम ने ये भी दावा किया था कि इमरान खान और सेना के बीच उनका टकराव तब शुरू हुआ जब वो चाहते थे कि फैज हमीद ISI प्रमुख बने रहें.
इससे पहले बुधवार को पूर्व राष्ट्रपति और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के नेता आसिफ अली जरदारी ने जनरल हमीद की आलोचना करते हुए कहा था कि उन्हें ISI चीफ की कुर्सी से हटाकर साइडलाइन कर दिया गया था. हालांकि, बाद में जरदारी ने कहा कि उनकी साइडलाइन वाली टिप्पणी का गलत मतलब निकाला गया.
जरदारी के बयान पर सेना ने आपत्ति जताई थी. सेना ने एक बयान जारी कर कहा था कि पेशावर कोर एक प्रमुख गठन था और इसकी लीडरशिप हाइली प्रोफेशनल के हाथ में थी. आर्मी ने कहा कि पेशावर कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हमीद के खिलाफ एक राजनेता की ऐसी टिप्पणी सही नहीं थी. इस तरह के बयानों से सेना और उसके नेतृत्व के मनोबल पर नकारात्मक असर पड़ता है.