पाकिस्तान की सेना ने मंगलवार को एक बयान जारी करके कहा कि उसने अफगानिस्तान की सीमा के पास दक्षिणी वजीरिस्तान में एक मुठभेड़ के दौरान 30 इस्लामी आतंकवादियों को मार गिराया. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी सेना ने कहा कि दोनों देशों (पाकिस्तान और अफगानिस्तान) में सक्रिय आतंकवादियों के कबायली जिले को खाली कराने के लिए चलाए गए अभियान के दौरान यह मुठभेड़ हुई.
दक्षिणी वजीरिस्तान पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत का एक आदिवासी बाहुल्य जिला है, जो लंबे समय से इस्लामी आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह रहा है. इसे काफी अराजक क्षेत्र माना जाता है, जो स्वतंत्र पत्रकारों और मानवाधिकार समूहों की पहुंच से बाहर है, जिससे किसी भी जानकारी को स्वतंत्र रूप से सत्यापित करना मुश्किल हो जाता है.
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पाकिस्तान में शरीयत लॉ लागू करना चाहते थे आतंकी
पाकिस्तानी सेना ने कहा कि मारे गए आतंकी देश की लोकतांत्रिक सरकार को उखाड़ फेंकने और उसकी जगह सख्त शरीयत कानून के तहत संचालित इस्लामी शासन प्रणाली लागू करने की मंशा रखते थे. उन्होंने अपनी इस कोशिश में पाकिस्तानी राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ा था. सेना ने अपने बयान में इन आतंकियों के बारे में यह नहीं बताया कि वे किस समूह से संबंधित हो सकते हैं.
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हालांकि, पाकिस्तानी सेना के बयान से यह समझा जा रहा है कि ये टेररिस्ट, आतंकी संगठन तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान (TTP) के हो सकते हैं. क्योंकि टीटीपी ने ही 2022 के अंत में सरकार के साथ युद्धविराम रद्द करने के बाद से पाकिस्तान में अपने हमले तेज कर दिए हैं. हाल के महीनों में टीटीपी के आतंकियों ने कुछ बड़े हमले किए हैं, जिसमें पाकिस्तानी सेना और उसके ठिकानों को निशाना बनाया गया. इस्लामाबाद आरोप लगाता है कि टीटीपी के आतंकवादी अफगानिस्तान में ट्रेनिंग कैम्प चलाते हैं और वहीं से पाकिस्तान के अंदर हमलों की योजना बनाते हैं, हालांकि काबुल इस आरोप से इनकार करता है.