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परवेज मुशर्रफ बोले- पूर्व सेनाध्यक्ष राहिल शरीफ की मदद से छोड़ा PAK

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ के बयान पर खड़ा हुआ सियासी तूफान. उन्हें देश से बाहर जाने में मिली थी जनरल राहिल शरीफ की मदद.

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परवेज मुशर्रफ
परवेज मुशर्रफ

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पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ वैसे तो हमेशा से ही विवादों के केन्द्र में रहे हैं लेकिन इस बीच एक टॉक शो में कुछ ऐसे खुलासे किए कि उनके देश और देश के बाहर एक बार फिर से सियासी बखेड़ा खड़ा हो गया है. उन्होंने टॉक शो पर कहा कि पाकिस्तान के पूर्व थल सेनाध्यक्ष राहिल शरीफ ने उन्हें देश से बाहर निकलने में मदद की थी. वे सरकार द्वारा कोर्ट पर दबाव बनाने में मददगार रहे.

सोमवार की रात एक निजी चैनल पर बातचीत में उन्होंने कहा, हां उन्होंने (राहिल शरीफ) ने मेरी मदद की. मैं उनका बॉस रह चुका हूं और उनसे पहले मैं थल सेनाध्यक्ष भी रह चुका हूं. उन्होंने बाहर निकलने में मेरी मदद की क्योंकि यहां सारे मामलों का राजनीतिकरण हो जाता है. उन्होंने मेरे देश से बाहर जाने पर पाबंदी लगाई और फिर इस मुद्दे का राजनीतिकरण हो गया.

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आइए जानें आखिर परवेज मुशर्रफ ने टॉक शो पर क्या कहा...
1. जब उनसे पूछा गया कि हाल ही में सेवानिवृत्त सेनाध्यक्ष ने उनकी किस तरह मदद की तो मुशर्रफ ने कहा कि जनरल शरीफ ने कोर्ट द्वारा बनाए गए दबाव को हल्का करने में मदद की. इसके अलावा वे पर्दे के पीछे से सरकार से भी बात करते रहे.

2. वे कहते हैं कि एक बार जनरल शरीफ ने सरकार द्वारा बनाए गए दबाव को हल्का करने का काम किया. ऐसे में कोर्ट ने फैसला सुनाया और मुझे इलाज के लिए बाहर जाने में मदद की.

3. इस केस पर बात करते हुए वे कहते हैं "दुर्भाग्यवश पाकिस्तान के कोर्ट किन्हीं दबाव के तहत काम करते हैं" और जनरल शरीफ ने इस दबाव को कम करने का काम किया.

4. परवेज मुशर्रफ इस वर्ष मार्च माह में उस वक्त दुबई के लिए रवाना हुए जब आंतरिक मंत्रालय ने उनका नाम देश से बाहर न जा पाने वाली शख्सियतों की सूची से बाहर किया.

5. सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के बाद सरकार की अधिसूचना आई कि उनके विदेश जाने के बैन को हटा लिया जाए. कोर्ट ने उस दौरान ऐसे फैसले सुनाए थे कि तीन न्यायाधीशों की स्पेशल बेंच सेवानिवृत्त जनरल के मामले में कैसे भी फैसले देने के लिए स्वतंत्र हैं.

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6. गौरतलब है कि परवेज मुशर्रफ पर बेनजीर भुट्टो, नवाब अकबर बुग्ती और गाजी अब्दुल राशीद की हत्या के अलावा साल 2007 में आपातकाल लगाने और राज-द्रोह के भी आरोप हैं. उन्होंने उस दौरान न्यायाधीशों के अधिकारों का हनन करने के अलावा उन्हें गिरफ्तार तक कर लिया था. इस वजह से उनका नाम 20 माह तक बहिर्गमन कंट्रोल लिस्ट में रखा गया था.

7. आंतरिक मंत्री निसार अली खान ने मार्च माह में यह बात कही थी कि मुशर्रफ ने उन पर लगे सारे आरोपों का सामना करने के लिए 4 से 6 सप्ताह के भीतर देश वापस लौटने की बात कही थी.

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