पाकिस्तान (Pakistan) भले ही अपने ओलंपिक गोल्ड मेडल विजेता अरशद नदीम (Arshad Nadeem) को कैश अवार्ड्स और अन्य बहुमूल्य पुरस्कारों से नवाज रहा हो, लेकिन उनके ससुर की तरफ से दिए जा रहे गिफ्ट की खूब चर्चा हो रही है. अरशद नदीम के ससुर उन्हें भैंस गिफ्ट कर रहे हैं. ग्रामीण इलाके में ऐसे गिफ्ट परंपरा का हिस्सा हैं.
एजेंसी के मुताबिक, रविवार को गांव में स्थानीय मीडिया से बात करते हुए अरशद नदीम के ससुर मुहम्मद नवाज ने कहा कि उनके गांव में भैंस उपहार में देना 'बहुत मूल्यवान' और 'सम्मानजनक' माना जाता है.
अरशद ने पेरिस में जैवलिन थ्रो कॉम्पटीशन में 92.97 मीटर दूर भाला फेंका और ओलंपिक का में रिकॉर्ड बना दिया. इसके बाद भारत की तरफ से खेल रहे नीरज चोपड़ा दूसरे स्थान पर पहुंच गए.
मुश्किलों भरा रहा है अरशद का सफर
मुहम्मद नवाज ने कहा, "नदीम को अपनी जड़ों पर बहुत गर्व है और सफलता के बावजूद, उसका घर अभी भी उसका गांव है और वह अभी भी अपने माता-पिता और भाइयों के साथ रहता है." अरशद के ससुर ने कहा कि उनके चार बेटे और तीन बेटियां हैं और उनकी सबसे छोटी बेटी आयशा की शादी नदीम से हुई है. नवाज ने यह भी खुलासा किया कि दंपति (अरशद-आयशा) के दो बेटे और एक बेटी है.
यह भी पढ़ें: गोल्ड मेडलिस्ट अरशद नदीम को मिलेगा पाकिस्तान का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान, राष्ट्रपति जरदारी का ऐलान
पंजाब के खानेवाल के ग्रामीण इलाके से आने वाले अरशद नदीम के पास ट्रेनिंग लेने और प्रतियोगिताओं के लिए विदेश यात्रा करने के लिए बहुत सीमित साधन थे. गांव के साथियों और रिश्तेदारों ने पैसे दान किए, जिससे वे अपने शुरुआती दिनों में विदेश में जाकर कॉम्पटीशन में हिस्सा ले सकें.
'जब अरशद की शादी हुई थी...'
नवाज कहते हैं कि जब हमने 6 साल पहले अपनी बेटी की शादी अरशद से करने का फैसला किया, उस वक्त वह छोटी-मोटी नौकरियां करता था, लेकिन अपने खेल के प्रति बेहद जुनूनी था और घर और खेतों में लगातार भाला फेंकने का अभ्यास करता था.
नवाज ने आगे बताते हैं, "वह नदीम की सफलता और प्रसिद्धि से बहुत खुश हैं. भाला फेंक खिलाड़ी, जो देश का पहला व्यक्तिगत पदक विजेता बना, सभी के प्रति बहुत सम्मान रखता था. जब भी वह हमारे घर आता है, तो कभी किसी बात की शिकायत नहीं करता और हमारे घर में जो भी होता है, वही खाता है. उनके दो बच्चे गांव के स्थानीय प्राथमिक विद्यालय में जाने लगे हैं, जबकि एक बेटा अभी बहुत छोटा है."