पाकिस्तान के बलूचिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर लिया और 214 पाकिस्तानी नागरिक को बंधक बना लिया है. बंधकों में सेना के जवान, अर्धसैनिक बल, पुलिस और खुफिया एजेंसियों के अधिकारी भी शामिल हैं. बीएलए ने दावा किया है कि पाकिस्तान के 30 से ज्यादा सैनिकों को मारा जा चुका है. अब बीएलए ने पाकिस्तान की जेल में बंद बलूच कैदियों की रिहाई के लिए शहबाज शरीफ सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. हालांकि, इस घटनाक्रम पर अभी तक पाकिस्तानी सेना-पुलिस ने आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है.
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अबतक सुरक्षा बलों ने 155 यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया है. सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि अब तक 27 विद्रोहियों को मार गिराया गया है. सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि जाफर एक्सप्रेस पर हमला करने वाले अलगाववादी अफगानिस्तान में अपने मददगारों के संपर्क में हैं. सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि आत्मघाती हमलावरों ने बंधक बनाए गए कुछ यात्रियों को अपने पास ही रखा है.
बलोच लिबरेशन आर्मी की मांग है कि पाकिस्तान की जेलों में बंद उनके राजनीतिक बंदियों और कार्यकर्ताओं को 48 घंटे के भीतर रिहा किया जाए. अगर तय समयसीमा के भीतर ऐसा नहीं किया जाता तो ट्रेन को पूरी तरह से उड़ा देंगे.
पाकिस्तानी सेना का दावा है कि उन्होंने BLA के कबजे से 155 बंधकों को छुड़ा लिया है. लेकिन तकरीबन 100 बंधक अभी भी आतंकियों की गिरफ्त में है. वहीं, मुठभेड़ में बीएलए के 16 विद्रोही भी मारे गए हैं.
पाकिस्तान के बलूचिस्तान में क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को मंगलवार को BLA के विद्रोहियों ने हाईजैक कर लिया था. इन विद्रोहियों के चंगुल से बंधकों को छुड़ाने के लिए सेना ने ऑपरेशन शुरू किया है. इस पूरे मामले पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि दुर्गम इलाका होने के बावजूद हमारे सैनिक बड़ी बहादुरी से बंधकों को छुड़ाने में लगे हैं.
बीएलए की बहुत ही सीधी और साफ मांगें हैं, जिन्हें बलूच कई बार दुनिया के सामने रख चुके हैं. इनका कहना है कि बलूचिस्तान जिस ये अलग प्रांत, अगल देश मानते हैं. उनकी एक अलग सरकार वह चलती है. बलूचों को पहली और सबसे बड़ी मांग ये है कि बलूचिस्तान में पाकिस्तान की किसी भी एजेंसी या सुरक्षा एजेंसी का कोई भी नुमाइंदे वहां नहीं होने चाहिए.
इसके अलावा बलूचों का मानना है कि चीन के साथ CPEC प्रोजेक्ट चल रहे हैं. प्रोजेक्टों से उनके खनिजों का दोहन हो रहा है. इन प्रोजेक्ट्स की वजह से बड़ी संख्या में समुदाय के लोग विस्थापित हुए हैं.
इसके बाद से बलूच लोग इन प्रोजेक्ट के यहां से हटाने की लगातार कई सालों से मांग कर रहे हैं. बीएलए द्वारा पाकिस्तान पर ये कोई नया हमला नहीं है, बीएलए पिछले कई सालों से पाकिस्तान पर ऐसे हमले करता रहा है. कभी चीन के इंजीनियर को निशाना बनाया तो कभी पाकिस्तान के राजनयिकों को निशाना बनाता है.
पाकिस्तानी शासन के दमन और राजनीतिक रूप से हाशिए पर धकेले जाने का नतीजा ही है कि बलूचिस्तान में लोग अलगाववाद में लिप्त हैं. इसके जवाब में पिछले कुछ वर्षों में कई बलूच अलगाववादी समूह उभरे हैं, जो पाकिस्तानी सेना के खिलाफ राजनीतिक हिंसा को अंजाम दे रहे हैं. बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ) और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) सहित इन समूहों का टारगेट बलूचिस्तान के लिए अधिक पूर्ण स्वतंत्रता हासिल करना है.
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) सबसे बड़ा बलूच अलगाववादी समूह है और बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की मांग करते हुए दशकों से पाकिस्तान सरकार के खिलाफ विद्रोह कर रहा है. BLA को पाकिस्तान, अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश "आतंकवादी संगठन" मानते हैं. यह समूह बलूचिस्तान में सुरक्षा बलों, सरकारी इमारतों और चीनी सेना और उसके वर्कर्स को टारगेट करते हुए कई हमले किए हैं.
हाल के वर्षों में जब से यहां चीन का प्रभाव बढ़ा है, तब से BLA ने हमले तेज कर दिए हैं. बीएलए, कई सुसाइड अटैक और बड़े हमलों के लिए भी जिम्मेदार रहा है. मजीद ब्रिगेड को BLA का सुसाइड स्क्वाड माना जाता है, जो कई हाई-प्रोफाइल हमलों में शामिल रहा है - जिसमें 2018 में कराची में चीनी दूतावास पर हमला और 2019 में ग्वादर में एक लग्जरी होटल पर हमला शामिल है.
बलूच लिबरेशन आर्मी के द्वारा हाईजैक की गई ट्रेन से 104 यात्रियों को बचाया जा चुका है और 17 घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया है. वहीं, 16 बीएलए लड़ाके मारे गए. कुल 104 यात्रियों को बचाया गया है.
(इनपुट- अरविंद ओझा)
पाकिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी के द्वारा हाईजैक हुई ट्रेन मामले में सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में एक सुरंग में संदिग्ध बलूच आतंकवादियों द्वारा ट्रेन को हाईजैक करने के बाद कम से कम 13 आतंकवादी मारे गए और 80 यात्रियों को सुरक्षा बलों ने बचा लिया.
नौ बोगियों में करीब 500 यात्रियों को लेकर जाफ़र एक्सप्रेस क्वेटा से पेशावर जा रही थी. मंगलवार सुबह गुडलार और पीरू कुनरी के पहाड़ी इलाकों के पास एक सुरंग में हथियारबंद लोगों ने इसे रोक लिया.
एजेंसी के मुताबिक, बलूचिस्तान सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने कहा, "सुरक्षा बलों ने एक बोगी से 80 यात्रियों - 43 पुरुष, 26 महिलाएं और 11 बच्चों को बचाने में कामयाबी हासिल की है."
हालांकि, उन्होंने कहा कि करीब 400 यात्री ट्रेन में ही रह गए हैं, जो अभी भी सुरंग के अंदर फंसे हुए हैं, क्योंकि सुरक्षा बलों और लड़ाकुओं के साथ मुठभेड़ चल रही है. रिंद ने कहा कि पेशावर जाने वाली यात्री ट्रेन पर तेज गोलीबारी की खबरों के बीच बचाव दल को भेजा गया है.
बलूच लिबरेशन आर्मी के द्वारा जाफर एक्सप्रेस के अपहरण किए जाने के बाद क्वेटा रेलवे स्टेशन को बंद कर दिया गया है. स्टेशन पर लोग जाफर एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे अपने प्रियजनों के बारे में जानने की कोशिश कर रहे हैं. मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. यात्रियों को लेकर राहत ट्रेन मच्छ स्टेशन पहुंची.
(इनपुट- अरविंद ओझा)
Samaa TV के मुताबिक, जाफर एक्सप्रेस हमले में 13 बीएलए लड़ाके मारे गए हैं, जबकि कई घायल बताए जा रहे हैं. सुरक्षा बलों और बीएलए लड़ाकों के बीच भारी गोलीबारी चल रही है. सूत्रों के मुताबिक, घायल यात्रियों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इलाके में सुरक्षा बलों के अलावा कई कर्मी हिस्सा ले रहे हैं.
बलूच लिबरेशन आर्मी ने 214 पाक बंधकों को युद्ध बंदी घोषित करते हुए पाकिस्तान सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. उन्होंने मांग की है कि इस दौरान सभी बलूच राजनीतिक बंदियों, जबरन गायब किए गए व्यक्तियों और नेशनल रेजिस्टेंस एक्टिविस्ट्स को बिना शर्त रिहा किया जाए.
बीएलए ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी ये मांगें पूरी नहीं होती या पाकिस्तान सैन्य कार्रवाई की कोशिस करता है, तो सभी कैदियों को मार दिया जाएगा और ट्रेन को पूरी तरह से नष्ट कर दिया जाएगा. BLA ने ये भी साफ किया है कि ये उनकी ओर से आखिरी ऐलान है.