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लाहौर, गुजरांवाला और हाफिजाबाद... पाकिस्तान के इन तीन शहरों में क्यों लग रहा चार दिन का लॉकडाउन?

पाकिस्तान के पंजाब के केयरटेकर मुख्यमंत्री मोहसिन नकवी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पंजाब के लाहौर, गुजरांवाला और हाफिजाबाद में चार दिनों के अवकाश का ऐलान किया गया है ताकि प्रदूषण के प्रभाव को कम किया जा सके.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

दिल्ली-एनसीआर ही नहीं बल्कि पाकिस्तान का पंजाब प्रांत भी प्रदूषण की मार से जूझ रहा है. ऐसे में पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने लाहौर सहित देश के कई जिलों में चार दिनों का सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है. यह अवकाश नौ से 12 नवंबर तक के लिए घोषित किया गया है. 

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पंजाब के केयरटेकर मुख्यमंत्री मोहसिन नकवी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पंजाब के लाहौर, गुजरांवाला और हाफिजाबाद में चार दिनों के अवकाश का ऐलान किया गया है ताकि प्रदूषण के प्रभाव को कम किया जा सके.

नकवी ने कहा कि इन तीनों प्रभागों में पर्यावरण और स्वास्थ्य इमरजेंसी लागू की गई है. इस दौरान शैक्षणिक संस्थान, सरकारी और निजी ऑफिसेज, सिनेमा, पार्क और जिम बंद रहेंगे. शनिवार और रविवार को बाजार और व्यापारिक प्रतिष्ठान भी बंद रहेंगे. हालांकि, मैरिज हॉल, फार्मेसी और बेकरी खुली रहेंगी. 

पंजाब के केयरटेकर मुख्यमंत्री मोहसिन नकवी ने इस दौरान लोगों से घरों के भीतर ही रहने को कहा है ताकि पर्यावरणीय प्रदूषण को कम किया जा सके. बता दें कि लाहौर दुनिया में सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में से एक है.

लाहौर दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर

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ग्लोबल एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग प्लेटफॉर्म के मुताबिक, दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में लाहौर शीर्ष पर है. लाहौर में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए स्थानीय सरकार ने बुधवार को स्मॉग इमरजेंसी भी लागू कर दी. 12 करोड़ की आबादी वाले लाहौर में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए यह कदम उठाया गया है. सरकार का यह फैसला लाहौर हाईकोर्ट के आदेश के मद्देनजर आया है.

लाहौर में 447 AQI

खतरनाक वायु गुणवत्ता (AQI) की स्थिति के कारण लाहौर दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक बना हुआ है. वैश्विक वायु गुणवत्ता निगरानी मंच www.iqair.com की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को प्रांतीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 447 तक पहुंच गया. बता दें, यह पहली बार नहीं है कि पाकिस्तानी नेताओं या मंत्रियों ने लाहौर में खराब वायु गुणवत्ता के लिए सीमा पार फसल अवशेष या पराली जलाने को जिम्मेदार ठहराया है. मौसम विशेषज्ञों का मानना ​​है कि प्रदूषकों की दिशा हवा की दिशा पर निर्भर करती है. 

CPCB के मुताबिक, बता दें कि शून्य से 50 के बीच AQI अच्छा, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच AQI ‘गंभीर’ माना जाता है. 

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