पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में एक बार फिर हालात बिगड़ते जा रहे हैं. वहां के पंजाब प्रांत में कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थकों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें हो रहीं हैं. ये हिंसा तब भड़की जब इमरान सरकार और टीएलपी के बीच हुई बातचीत नाकाम हो गई. टीएलपी अपनी पार्टी के मुखिया साद रिजवी की रिहाई और फ्रांस के राजदूत को निष्कासित करने की मांग पर अड़ी है.
प्रतिबंधित संगठन टीएलपी ने इस्लामाबाद की ओर मार्च शुरू कर दिया है. पुलिस ने उन्हें रोका तो इस से झड़प हो गई. बताया जा रहा है कि कामुनके के पास 8 से 15 हजार टीएलपी समर्थक अब भी मौजूद हैं. इनके पास आधुनिक हथियार हैं. पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री ने टीएलपी पर पुलिस के खिलाफ एके-47 का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है.
आंतरिक मंत्री शेख राशिद ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि टीएलपी अब उग्र हो गया है. उन्होंने बताया कि टीएलपी ने आज पुलिस पर गोलियां चलाईं. इसमें तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो गई. जबकि 70 घायल हैं, जिनमें से 8 की हालत गंभीर बनी हुई है. उन्होंने हालात काबू में करने के लिए अगले 60 दिनों के लिए पंजाब प्रांत में रेंजर की तैनाती की घोषणा भी की.
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पिछले साल नवंबर में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने क्लास में पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाए जाने को अभिव्यक्ति की आजादी बताया था. इसके बाद से ही टीएलपी पाकिस्तान से फ्रांस को राजदूत को निकालने की मांग कर रही है. इसी साल अप्रैल में इसी मांग को लेकर हिंसा भड़क गई थी, जिसके बाद टीएलपी के प्रमुख साद रिजवी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था.
इन दोनों मांगों को लेकर टीएलपी और इमरान सरकार के बीच हुई बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला. इसके बाद रविवार को टीएलपी ने सरकार को मांगों को पूरा करने का दो दिन का वक्त दिया था. साथ ही ये भी चेतावनी भी दी थी कि अगर मांगें नहीं मानी जाती है तो राजधानी इस्लामाबाद का घेराव किया जाएगा. इसके बाद बुधवार को टीएलपी ने इस्लामाबाद की ओर कूच किया, जिस कारण कई जगहों पर पुलिस और टीएलपी समर्थकों के बीच झड़प हुई.
न्यूज एजेंसी ने एक सीनियर पुलिस अधिकारी के हवाले से बताया है कि टीएलपी समर्थकों को रोकने के लिए जगह-जगह पुलिस की तैनाती की गई है. उन्होंने बताया कि पंजाब के मुरिदके से लेकर गुजरांवाला इलाके तक इंटरनेट और फोन सर्विस को बंद कर दिया है. प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए लाहौर से 10 हजार पुलिसकर्मियों को इस्लामाबाद में तैनात किया गया है.