एक पाकिस्तानी कंपनी ने 2008 के मुंबई हमलों के मददगारों में से एक को आठ जापानी यामहा इंजन बेचे थे और उसने इन इंजनों को अजमल कसाब समेत आतंकवादियों को दिया था.
इंजन का इस्तेमाल कर मुंबई पहुंचा था कसाब
कंपनी के महाप्रबंधक ने रावलपिंडी की उच्च सुरक्षा वाली अडियाला जेल में सुनवाई कर रही अदालत को जानकारी दी कि उनकी फर्म ने भगोड़े आरोपी अमजद खान को इंजन बेचे थे जो संदिग्ध लश्कर-ए-तैयबा संगठनकर्ता और कराची का फिनांसर है. इंजन का इस्तेमाल कसाब और अन्य आतंकवादियों ने एक छोटी नाव से मुंबई पहुंचने के लिए किया था.
जमानत पर है लखवी
दो अन्य गवाह भी अदालत में पेश हुए लेकिन उन्होंने गवाही नहीं दी क्योंकि लश्कर के संचालन कमांडर जकीउर रहमान लखवी समेत सात लोगों के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रही अदालत ने शुक्रवार गुरुवार तक के लिए अपनी कार्यवाही स्थगित कर दी. जहां 55 वर्षीय लखवी 10 अप्रैल से जमानत पर है, छह अन्य आरोपी- अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, हमाद अमीन सादिक, शाहिद जमीन रियाज, जमील अहमद और यूनिस अंजुम मुंबई हमले के मामले में तकरीबन छह साल से अडियाला जेल में हैं.
चार्जशीट में 20 संदिग्धों के नाम
अदालत ने मामले की सुनवाई में निजी पेशी से छूट की लखवी की याचिका पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया, वह सुनवाई में पेश नहीं हुआ. अमजद खान और नौ अन्य सह-आरोपियों को आतंकवादियों के प्रशिक्षक या मददगार बताया गया है और आतंकवाद निरोधी अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित किया है. भारत ने पाकिस्तान को जितने डोजियर दिए हैं उनमें से ज्यादातर में खान का नाम है और उसने मुंबई पर हमला करने वाले 10 आतंकवादियों को कथित रूप से फंड उपलब्ध कराया था. इन 20 संदिग्धों को 2009 में आतंकवाद निरोधी अदालत में दाखिल चार्जशीट में इनका नाम है.
-इनपुट भाषा से