कुलभूषण जाधव मामले में इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने सुनवाई तीन सितंबर तक टाल दी है. इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि भारत को उनके लिए एक वकील रखने की मोहलत मिलनी चाहिए. हालांकि वकील पाकिस्तान का होना चाहिए. हाई कोर्ट ने सरकार से कहा है कि वो भारतीय अधिकारी को जाधव केस में कानूनी प्रतिनिधि अप्वांइट करने का मौका दें. कोर्ट परिसर में मीडिया से बात करते हुए पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल खालीद जावेद ने कहा कि कोर्ट ने भारतीय अधिकारियों को कुलभूषण जाधव केस में वकील रखने की इजाजत दी है लेकिन वह भारतीय नहीं होगा.
उन्होंने कहा, 'कोर्ट ने कहा है कि अगर हम वकील बदलना चाहते हैं या भारत सरकार खुद भी इसमें कोई सलाह देना चाहती है तो दे सकती है.'
इससे पहले इमरान खान सरकार ने कुलभूषण जाधव के लिए एक वकील नियुक्त किया जाने को लेकर इस्लामाबाद हाई कोर्ट में अर्जी लगाई थी. हाई कोर्ट में लगाई गई याचिका में पाकिस्तान सरकार ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) का फैसला लागू करने के लिए वकील नियुक्त करने की परमिशन मांगी थी. हालांकि, याचिका में ये भी कहा गया था कि भारत की मदद के बिना जाधव वकील नहीं कर सकता है.
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पाकिस्तान की आर्मी कोर्ट ने अप्रैल 2017 में भारतीय नेवी के पूर्व अफसर कुलभूषण जाधव को जासूसी और आतंकवाद के आरोप में दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई थी. कुलभूषण जाधव फिलहाल पाकिस्तान की जेल में कैद हैं. पाकिस्तान के इस फैसले के खिलाफ भारत इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस गया था.
ICJ ने पाकिस्तान को इस फैसले पर पुनर्विचार करने और भारत को जाधव का कॉन्सुलर एक्सेस देने के लिए कहा था. इसके बाद से पाकिस्तान लगातार कोर्ट को गुमराह करने वाले पैंतरे अपना रहा है. हाल ही में जाधव से पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग के दो अधिकारियों ने मुलाकात की थी. लेकिन ये मुलाकात पाकिस्तानी अधिकारियों की मौजूदगी में हुई.
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इस पर भारत ने कहा था कि ये कॉन्सुलर एक्सेस सार्थक नहीं था क्योंकि खुले तौर पर जाधव से बातचीत करने की इजाजत नहीं दी गई. इससे पहले 2017 में जाधव की मां और पत्नी को मिलने की इजाजत दी गई थी.