पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ पर मामले की सुनवाई कर रही एक विशेष अदालत ने सोमवार को देशद्रोह का अभियोग लगाया. वह ऐसे पहले सैन्य शासक बन गए हैं जिन्हें आपराधिक अभियोग का सामना करना पड़ेगा. अदालत में पेश हुए मुशर्रफ धारा 6 के तहत देशद्रोह के आरोपी हैं. उन पर यह मामला नवंबर 2007 में संविधान को निलंबित करने, नष्ट करने और निरस्त करने, आपातकाल लगाने तथा शीर्ष अदालतों के न्यायाधीशों को हिरासत में रखने से संबंधित है.
पाकिस्तान के इतिहास में 70 वर्षीय मुशर्रफ ऐसे पहले सैन्य शासक हैं जिनपर अदालत में अभियोग चलेगा. वैसे, मुशर्रफ ने अपने उपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है.
मुशर्रफ ने कहा, ‘मैंने जो कुछ भी किया, देश के लिए किया. मुझे दुख है कि मुझे देशद्रोही कहा जा रहा है.’ उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने पाकिस्तान की सेना को अपने जीवन के 44 साल दिए हैं और रक्षा बलों को मजबूत बनाया. मुशर्रफ ने कहा कि उन्होंने देश को प्रतिष्ठा और प्रगति दी.
इसके जवाब में अभियोजक अकरम शेख ने कहा कि उन्होंने ‘देशद्रोही’ शब्द का इस्तेमाल कभी नहीं किया है.
सिंध हाईकोर्ट के जज फैसल अरब ने पूर्व सेना प्रमुख के खिलाफ आरोप पढ़कर सुनाए.
अभियोग लगाए जाने से पहले मुशर्रफ की बचाव टीम के एक नए वकील फरोग नसीम ने अदालत से आग्रह किया कि उनके मुवक्किल को उनकी 95 वर्षीय बीमार मां को देखने संयुक्त अरब अमीरात जाने की इजाजत दी जाए.
उन्होंने कहा कि संविधान किसी भी नागरिक की गतिविधियों को प्रतिबंधित करने की अनुमति नहीं देता.
नसीम ने कहा कि मुशर्रफ स्वेच्छा से अदालत पहुंचे, उनके मुवक्किल के खिलाफ वारंट तामील नहीं किया गया था. उन्होंने कहा कि उनका मुवक्किल खुद भी अस्वस्थ है और मुशर्रफ का सही उपचार केवल अमेरिका में संभव है.
बचाव पक्ष ने इस संबंध में दो आवेदन दायर किए हैं. अदालत ने कहा कि वह इन पर बाद में विचार करेगी.
चौदह मार्च के आदेश के अनुपालन में मुशर्रफ की पेशी की संभावना के मद्देनजर सोमवार को अदालत में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे. मुशर्रफ को 2 जनवरी को अदालत के रास्ते में हृदय संबंधी समस्या की शिकायत के बाद रावलपिंडी स्थित सशस्त्र बल हृदय रोग अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
पाकिस्तान के 66 साल के इतिहास में करीब आधे वक्त तक सेना ने शासन किया है और मुशर्रफ से पहले किसी भी शासक या सैन्य कमांउर को आपराधिक अभियोग का सामना नहीं करना पड़ा है.
पिछले साल मार्च में स्वनिर्वासन से लौटने के बाद मुशर्रफ को 2007 में हुई पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या तथा 2006 में बलूच राष्ट्रवादी नेता अकबर बुगती के मारे जाने सहित चार बड़े अभियोगों का सामना करना पड़ रहा है.