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बैंकर की गवाही के बाद पाकिस्तानी अदालत में मुंबई हमले की सुनवाई 29 जनवरी तक टली

पाकिस्तान की आतंकवाद निरोधक एक अदालत ने बैंकर की गवाही और उस पर सवाल जवाब के बाद मुंबई हमला मामले की सुनवाई 29 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी. इस मामले में अदालत लश्कर ए तैयबा के कमांडर जकीउर रहमान लखवी सहित सात लोगों के खिलाफ सुनवाई कर रही है.

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पाकिस्तान की आतंकवाद निरोधक एक अदालत ने बैंकर की गवाही और उस पर सवाल जवाब के बाद मुंबई हमला मामले की सुनवाई 29 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी. इस मामले में अदालत लश्कर ए तैयबा के कमांडर जकीउर रहमान लखवी सहित सात लोगों के खिलाफ सुनवाई कर रही है.

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अदालत के सूत्रों ने बताया कि यहां से करीब 80 किमी दूर स्थित गुजरांवाला जिले में मुस्लिम कमर्शियल बैंक के एक बैंकर ने कल इस्लामाबाद की आतंकवाद निरोधक अदालत में गवाही दी कि एक आरोपी ने धन का लेनदेन किया था.बचाव पक्ष के वकील ने सवाल किया कि यह कैसे साबित किया जा सकता है कि कथित आरोपी ने जिस धन का लेन देन किया था, उसका उपयोग आतंकवादी गतिविधियों के लिए किया गया. अदालत ने मामले की सुनवाई 29 जनवरी तक स्थगित की तथा कुछ और निजी गवाहों को सम्मन जारी किया.

गौरतलब है कि मुंबई पर हुए आतंकवादी हमलों के सिलसिले में सात आरोपियों के खिलाफ सुनवाई चल रही है. लश्कर ए तैयबा के ऑपरेशन कमांडर लखवी, अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, सादिक, शाहिद जमील रियाज, जमील अहमद और यूनुस अंजुम को 2009 में गिरफ्तार किया गया था. इन लोगों पर मुंबई हमले में कथित भूमिका निभाने का आरोप है.

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वर्ष 2008 में हुए मुंबई हमले में 166 लोग मारे गए थे और 300 से अधिक घायल हो गए थे. मामले की सुनवाई बेहद धीमी गति से चल रही है. यह बात दोनों देशों के बीच शांति वार्ता की पूरी तरह बहाली में विवाद का कारण बनी हुई है. पाकिस्तान जानता है कि हमले की साजिश उसके यहां ही रची गई थी.

हमले में जीवित बचे, लश्कर ए तैयबा के एक मात्र हमलावर अजमल कसाब को भारत में फांसी दे दी गई. भारत की मांग है कि इस्लामाबाद को सातों संदिग्धों के खिलाफ शीघ्र सुनवाई करनी चाहिए ताकि यह पता चले कि वह आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए गंभीर है.

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